भोपाल, 28 जून (वार्ता) मध्यप्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने राज्य के वन विभाग से जुड़े कथित पौधा घोटाले के मामले में आज राज्य सरकार को घेरते हुए एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की पदस्थापना पर सवाल उठाए हैं।
राज्य की कांग्रेस सरकार में वन मंत्री रहे श्री सिंघार ने सोशल मीडिया एक्स के जरिए तंज कसते हुए लिखा है, “देख रहे हो न विनोद…. कौन कहता है, शिवराज और मोहन में फूट है….एमपी सरकार में एक आईएएस अधिकारी अशोक वर्णवाल सीएम के लाड़ले बन गए। 6 करोड़ के पौधों के घोटाले के इस सरगना को तीसरी बार वन विभाग की कमान दे दी गयी। सरकार की ऐसी भी क्या मजबूरी। शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में जो गलती हुयी, उसकी लीपापोती करने के लिए डॉ मोहन यादव ने उन्हें फिर उसी कुर्सी पर बैठा दिया।”
नेता प्रतिपक्ष ने लिखा है, “जब मैं प्रदेश का वन मंत्री था, मैंने इस घोटाले पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए फाइल भेजी थी, लेकिन भाजपा सरकार बनते ही शिवराज सिंह चौहान ने सिर्फ फाइल को नस्तीबद्ध करवा दिया, बल्कि इस अधिकारी को फिर वन विभाग की कमान सौंप दी गयी। घोटालों की नई शुरूआत की साझेदारी।”
श्री सिंघार दिसंबर 2018 में बनी तत्कालीन कमलनाथ सरकार में वन मंत्री थे। इन दिनों वे नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में हैं और एक जुलाई से प्रारंभ हो रहे मानसून सत्र के पहले काफी मुखर नजर आ रहे हैं। वे सरकार से जुड़े कथित घोटालों को लेकर सोशल मीडिया पर न सिर्फ लिख रहे हैं, बल्कि मीडिया के समक्ष अपनी बात कह रहे हैं।
श्री सिंघार ने गुरुवार को भी मानसून सत्र के दौरान राज्य सरकार के बजट पेश करने की तिथि तीन जुलाई निर्धारित होने पर सवाल उठाए और कहा कि बजट दो या चार जुलाई को पेश क्यों नहीं किया जा रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स वीडियो जारी करते हुए कहा कि इसी दिन (तीन जुलाई को) नर्सिंग काॅलेज घोटाले पर चिकित्सा शिक्षा विभाग को विधायकों के सवालों का जवाब देना है। सरकार इन सवालों से जवाब देने से बचने के लिए ऐसा कर रही है। सरकार बजट की आड़ में प्रश्नकाल को ही खत्म करना चाहती है। इससे पता चलता है कि सरकार नर्सिंग फर्जीवाड़े से कितनी डरी हुयी है।
श्री सिंघार ने गुरुवार को ही सोशल मीडिया के जरिए विधानसभा में विपक्ष के उपनेता हेमंत कटारे की ओर से मुख्यमंत्री को लिखे गए सत्ता के कथित दलालों के संबंध में पत्र की प्रति जारी करते हुए मुख्यमंत्री से सवाल पूछे हैं। श्री सिंघार ने लिखा है, “मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी विधानसभा में उप नेता हेमंत कटारे जी के सवालों का जवाब दीजिए। सरकारी दफ्तरों में स्थानांतरण, पदस्थापना व अन्य शासकीय कार्य कराने के नाम पर भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। परदे के पीछे से चल रहे इस भ्रष्टाचार के खेल में सुधीर शर्मा, मनोजपाल सिंह यादव, अश्विन नाटू, निखिल गुप्ता, सोनू राणा जैसे अनेक नामों की क्या भूमिका है, पता लगाइए। कौन हैं ये लोग और किस भूमिका में ये सरकारी दफ्तरों में ट्रांसफर पोस्टिंग के काम में लगे हैं। मुख्यमंत्री जी बताइए, ये किसके लिए काम कर रहे हैं।”
श्री कटारे का यह कथित पत्र सोशल मीडिया में कल से जमकर वायरल हो रहा है और सत्ता के गलियारों में इसकी खासी चर्चा है।