ग्वालियर/ फसलों की एमएसपी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के आधार पर घोषित न करके सरकार ने किसानों को ठगने का काम किया है, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू कराने के लिए बड़ा संघर्ष शुरू करेंगे। उक्त एलान मध्य प्रदेश किसान सभा के जिला अध्यक्ष सरदार तलविंदर सिंह ने आज कलेक्ट्रेट पर अधिकारियों को ज्ञापन देते हुए किया।
किसानों ने कहा कि केंद्र सरकार ने खरीफ की 14 फसलों की एम एस पी घोषित ए2 एफ एल प्लस 50 फीसदी फार्मूले के आधार पर कर दी है जिसे देश का कोई भी किसान मनाने को तैयार नही होगा, पिछले दिनों कृषि लागत मे हुई बेतहाशा वृद्धि हुई है | खाद, बीज, डीजल, बिजली, कृषि उपकरण, आदि के बढ़ते दामो ने किसानों की कमर तोड़ दी है खेती अलाभकारी धंधा बन गयी है, किसान कर्ज मे डूबा है और खेती बेचने पर मजबूर हो रहा है यहाँ तक की किसानों की आत्म हत्याओ का ग्राफ भी बढ़ा हैं, ऐसे मे खरीफ फसलों की एमएसपी करने के नाम पर मामूली वृद्धि करके किसानों के हितो पर कुठाराघात किया है, जबकि अगर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर एमएसपी लागू की जाती तो धान पर 2300 सौ की जगह 3012 एमएसपी घोषित होती, इसी प्रकार बाजरा 2625 की जगह 2904, ज्वार 3371 की जगह 4437 रूपये एमएसपी होती, यही हाल अन्य फसलों का भी है, स्पष्ट है की किसानों को भारी नुक्सान का सामना पड़ेगा,
किसान नेता तलविंदर सिंह के अनुसार किसान सभा ने प्रदेश भर मे इसका विरोध करके केंद्र सरकार से स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर एमएसपी देने की मांग करने का आव्हान किया था, इसी कड़ी मे आज ग्वालियर कलेक्ट्रेट पर किसानों ने पहुँच कर कार्यालय के मुख्य द्वार पर नारे बाजी कर सभा की, तथा किसानों के बीच पहुँचे तहसीलदार सतेंद्र सिंह तोमर को प्रधान मंत्री को संबोधित ज्ञापन सोपा | इसी क्रम मे ग्राम बन्हेरी मे किसानों के जलाये गए घरों के मामले किसानों को न्याय दिलाने हेतु एक ज्ञापन भी कलेक्टर को सोपा गया,
इस अवसर पर मध्य प्रदेश किसान सभा के प्रदेश महा सचिव अखिलेश यादव भी उपस्थित थे तथा किसानों को संबोधित किया, ज्ञापन देने वालो मे राजेंद्र सविता, उमराव रावत, नियामत खान, हठे सिंह रावत, हरि सिंह, रामवीर सिंह, राघवेंद्र, रामराजा, सुशील रावत आदि उपस्थित थे।