हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
जबलपुर। फर्जी नम्बर प्लेट के मामले में दर्ज अपराधिक प्रकरण में अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। हाईकोर्ट जस्टिस जी एस अहलूवालिया की एकलपीठ ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह स्पष्ट है कि फर्जी नम्बर प्लेट का उपयोग अपराधिक या गैर कानूनी कार्य के उद्देश्य से किया गया होगा।
टीकमगढ़ निवासी अश्वनी मिश्रा की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि उसने धीरज लटोरिया से टोयोटा इनोवा गाड़ी क्रमांक एमपी 36 सी 4893 खरीदी थी। वह एक महिला की मदद के लिए कोर्ट गया था। इस दौरान उसका कुछ पत्रकारों से विवाद हो गया। इसके बाद उसे खिलाफ फर्जी नम्बर प्लेट का उपयोग किये जाने के खिलाफ धारा 420,471,468 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया गया। याचिका में कहा गया था कि उक्त वाहन का सही पंजीयन क्रमांक यूपी 95 बी 0946 के होने की उसे जानकारी नहीं थी।
अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए सरकार की तरफ से बताया गया कि वाहनों के संबंध में परिवहन विभाग की वेबसाइट में जानकारी उपलब्ध रही है। याचिकाकर्ता जिस पंजीयन का उपयोग कर रहा था वह हुंडई वेन्यू कार को आवंटित हुआ है। धीरज लटोरिया के वाहन बेचने के पहले सभी दस्तावेज अश्वनी मिश्रा को दे दिये थे। इसका उल्लेख वाहन बेचने के दौरान हुए एग्रीमेंट में है। वाहन खरीदने के संबंध में याचिकाकर्ता ने गाडी के पंजीयन तथा उपलब्ध दस्तावेजों की जांच करने कोई जहमत तक नहीं उठाई। एकलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिका को खारिज कर दिया।