सुरेश पाण्डेय पन्ना
नगर के बड़ा दिवाला मंदिर भगवान जगन्नाथ स्वामी जी मंदिर मे कल सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा जैसे ही 9.30 हुए और मंदिर में पूजा अर्चना प्रारंभ हुई जिसमें राजघराने के राजा मंदिर के महंत और पुजारियों द्वारा विधिवत पूजा हवन आरती कर भगवान को गर्भ ग्रह से सहस्त्र स्नान के लिए पालकी में बैठाकर बाहर बनी मंदिर में लाए और वहां भी पूजा अर्चना आरती श्रृंगार आदि के बाद सहस्त्र छिद्र वाले मटके से भगवान के स्नान कराए गए एवं पानी आम पत्र से भरा हुआ घट को जनता की ओर उछाले गए जिसे जनता अपने हाथों से कैच करती है यानी यूं कहा जाए कि लुटती है और इस प्रकार घटों को लुटाया गया घट लूटकर जनता गदगद हो जाती है इसके उपरांत भगवान को पुनः इस मंदिर से गर्भ ग्रह में ले जाया जाता है और वहां उन्हें भगवान की आरती विधि विधान से की जाती है प्रसाद का वितरण होता है और भगवान के जयकारे लग रहे थे। घट को श्रद्धालु श्रद्धा से अपने घरों में ले जाती हैं मंदिर और खजाने में स्थापित करते हैं जिससे घर में रिद्धि-सिद्धि धन दौलत शांति मान सम्मान की प्राप्ति होती है ऐसा लोगों का मानना है घट लूटने के लिए हजारों की संख्या में महिला पुरुष वृद्ध युवा और बच्चे पहुंचते हैं यह दृश्य अद्भुत और अनोखा है इसे देखने के लिए पूरे 1 वर्ष का इंतजार श्रद्धालुओं को करना पड़ता है दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं और ऐसे दृश्य को देखकर मन मुक्त हो जाते हैं।
देश की तीन सबसे पुरानी व बड़ी रथयात्राओं में शुमारः- पन्ना की रथयात्रा भी शामिल है। ओडिशा के जगन्नाथपुरी की तर्ज पर यहां आयोजित होने वाले इस भव्य धार्मिक समारोह में राजसी ठाट-बाट और वैभव की झलक देखने को मिलती है। रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ स्वामी की एक झलक पाने समूचे बुन्देलखण्ड क्षेत्र से हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुँचते हैं।
पन्ना की यह ऐतिहासिक रथयात्राः- करीब 170 वर्ष पूर्व तत्कालीन पन्ना नरेश महाराजा किशोर सिंह द्वारा शुरू कराई गई थी, जो परम्परानुसार अनवरत जारी है। पूरे विधिविधान के साथ जगन्नाथ स्वामी मन्दिर से निकलेगी।
पन्ना जिले की प्राचीन व ऐतिहासिक रथयात्रा महोत्सवः- के बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि पन्ना नरेश महाराजा किशोर सिंह पुरी से भगवान जगन्नाथ स्वामी जी की मूर्ति लेकर आये और पन्ना में भव्य मन्दिर का निर्माण कराया। पुरी में चूंकि समुद्र है, इसलिये पन्ना के जगन्नाथ स्वामी मन्दिर के सामने सुन्दर सरोवर का निर्माण कराया गया।