शहर के लेकर देहात तक पुलिस स्टाफ की भारी किल्लत

जिले में लगातार बढ़ रही चोरी की वारदाते, पुलिस को चोर दे रहें खुली चुनौती, बैढऩ से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में चोरों का आतंक

सिंगरौली :शहर से लेकर देहात के थाने पुलिस बल की कमी से जूझ रहे हैं। आलम यह है कि कई थाना व चौकियों में स्वीकृ त पद से 50 फीसदी भी बल नही है। थानों में पुलिस बल की कमी का फायदा चोर उच्चके भर पूर उठा रहे हैं। लगातार दर्जन चोरी की वारदातों ने जहां रहवासी भयभीत हैं । वही चोर पुलिस को खुली चुनौती दे रहें हैं। चोरों के आतंक के आगे पुलिस बेवस नजर आ रही है।बेहतर कानून व्यवस्था का दम भरने वाली भाजपा सरकार में चोरों ने नाक में दम कर रखा है। आलम यह है कि जिला मुख्यायलय बैढऩ के पचौर एवं पचखोरा सहित डीएव्ही रोड व जियावन थाना, माड़ा थाना , गढ़वा, चितरंगी, सरई, मोरवा थाना क्षेत्र में करीब दो साल से चोरों का इतना आतंक बढ़ा है कि अब तक आधा सैकड़ा से अधिक बड़ी चोरी की वारदाते हो चुकी हैं।

इन चोरियों का खुलासा करने में पुलिस नाकाम रही है। इस तरह के आरोप पीडि़त पक्ष के द्वारा लगाया जा रहा है और यहां तक कहा जा रहा है कि मौजूदा समय में ऐसा कोई दिन न होगा की जिले में चोरी की वारदाते न हो। पुलिस किस तरह से गस्त कर रही है। यह समझ से परे है। कहने के लिए एक पखवाड़े में काम्बिंग गस्त भी करती है और इस काम्बिंग गस्त का नतीजा सब के सामने हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि जिले में चोरों आतंक इसके पहले इतना कभी नही था। पुलिस अधिकारी इस मामले में गंभीरता अब तक क्यों नही दिखा रहे हैं। इसी के चलते सीकेडी एवं रेत कारोबारियों को दबदबा दिख रहा है। इधर शहर से लेकर देहात के थानों में पुलिस बल की कमी से जूझ रही है। आलम यह है कि कई थानों में 50 फीसदी से भी कम बल है।

सबसे ज्यादा विवेचकों की कमी है। वही मोरवा थाने में उप निरीक्षक ों का भारी टोटा है। इस तरह कोतवाली बैढऩ में 50 फीसदी से भी कम बल होने की समस्या करीब एक साल से बनी हुई है। जबकि शहर सहित संवेदनशील थानों पर्याप्त बल उपलब्ध होना चाहिए। बल की कमी का एहसास भी अधिकारियों को भी है। लेकिन पीएचक्यू भोपाल से रिक्त पदों की पूर्ति की जा रही है। जिसके चलते जिले भर के थानों व पुलिस चौकियों में बल की कमी के चलते चोर उच्चकों सहित अवैध करोबारियों का दिन बहुरे हुये हैं। पुलिस चोरों पर अब तक शिकंजा कसने में सफल नही हो पाई है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण बल की कमी होना बताया जा रहा है। फिलहाल जिले में पुलिस बल की पूर्ति कब होगी, इस पर अभी कुछ कह पाना जल्दबाजी होगी।
बगदरा चौक ी में तीन गुना कम है बल
थानों के अलावा पुलिस चौकियों में स्टाफ का भारी टोटा है। आलम यह है कि बगदरा पुलिस चौकी में 21 पद के विरूद्ध के 7 ही बल कार्यरत हैं। खुटार चौकी में 18 के विरूद्ध 14, सासन चौकी में 34 के स्थान पर 21, गोभा में 12 के स्थान पर 8, नौडिहवा में 14 के स्थान पर 9, बरका में 21 के स्थान पर 9, गोरबी में 18 के स्थान पर 15 एवं बंधौरा चौकी में 15 के स्थान पर केवल 10 बल ही वर्तमान में मौजूद हैं। वही निगरी, निवास, तिनगुड़ी, जयंत , कुन्दवार व पुलिस सहायता केन्द्र गोनर्रा में भी पुलिस बल की कमी खल रही है। पुलिस बल की कमी चोरी जैसे अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है।
थानों में 50 फीसदी से भी कम हैं बल
कोतवाली बैढऩ से लेकर देहात के थाने बल की कमी से संघर्ष कर रहे हैं। घटनाओं की विवेचना करने में सबसे बड़ी अड़चने सामने आ रही है। थाने व चौकि यों में स्वीकृत पद टीआई से लेकर उपनिरीक्षक, एएसआई , प्रधान आरक्षक, आरक्षक के पद स्वीकृत हैं। जिसमें से माड़ा व महिला थाना में निरीक्षक के पद भी रिक्त । स्वीकृत एवं रिक्त पदों के आंकड़ों के अनुसार गढ़वा थाना में स्वीकृत 60 पद के विरूद्ध मात्र 22 पुलिस बल मौजूद हैं। वही लंघाडोल थाने में 39 के स्थान पर 19, जियावन थाने में 52 के बदले 22, विंध्यनगर थाना में 58 के स्थान पर 33 बल पदस्थ हैं। वही कोतवाली बैढऩ में 118 पद के स्थान पर मौजूदा समय में 60 पुलिस सेवक ही कार्यरत हैं। मोरवा में 51 के स्थान पर 41, माड़ा थाना में स्वीकृत 62 के स्थान पर 21 बल ही मौजूद हैं। नवानगर थाना में 38 के स्थान पर 30 कार्यरत हैं। वही सरई थाना में 62 पद के विरूद्ध 34 बल पदस्थ है। चितरंगी थाने में 41 के स्थान पर 28 पुलिस सेवकों की स्थापना है। साथ ही बरगवां थाने में 56 के स्थान पर 37 पुलिस बल कार्य कर रहे हैं।

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