बलौदाबाजार (वार्ता) छत्तीसगढ़ राज्य विधिक प्राधिकरण (सालसा) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी ने बालौदाबाजार हिंसा और आगजनी पर स्वतः संज्ञान लेते हुए पीड़ितों को क्षतिपूर्ति और राहत प्रदान किये जाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बालौदाबाजार को निर्देश जारी किये हैं।
न्यायमूर्ति भादुड़ी ने इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में प्रसारित और प्रकाशित खबरों के आधार पर शुक्रवार को निर्देश दिया कि भीड़जनित हिंसा और आगजनी की घटना में जिनकी संपत्ति का नुकसान हुआ है और जिन्हें चोट आई है, उन्हें क्षतिपूर्ति और अंतरिम राहत प्रदान करने की कार्रवाई की जाये। उक्त आगजनी में जो कीमती दस्तावेज नष्ट हो गये हैं, उन्हें पुनः निर्मित किये जाने हेतु प्रभावित क्षेत्र में विधिक सहायता क्लीनिक संचालित किया जाये। आगजनी की घटना में जो सैकड़ों वाहन जल कर खाक हो गये हैं, उन वाहन मालिकों-पीड़ितों के दावों के निपटान के लिए बीमा कंपनियों के साथ समन्वय स्थापित कर जल्द से जल्द उनके दावों का भुगतान सुनिश्चित कराया जाए। इसके साथ ही उन्होंने समुचित चिकित्सा खर्च, सहायता और काउंसिलिंग के लिए भी निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि उक्त भीड़जनित हिंसा के कारण मनोवैज्ञानिक सदमे और अवसाद के शिकार व्यक्तियों के लिए तत्काल मनोचिकित्सक की सहायता से काउंसिलिंग की व्यवस्था कराई जाये। घटना में जो व्यक्ति घायल हुए हैं, उनका निशुल्क इलाज किया जाना सुनिश्चित किया जाये। उनके इलाज में जो वास्तविक व्यय हुआ है, उसका भुगतान विधि अनुसार किया जाना सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बलौदाबाजार को सभी सरकारी और गैर सरकारी एजेंसियों के माध्यम से तत्काल विधिक सहायता उपलब्ध कराने और उनका पर्यवेक्षण करने भी कहा है।
उल्लेखनीय है कि बलौदाबाजार में 10 जून 2024 को सतनामी समाज की आक्रोशित भीड़ ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) और कलेक्टर कार्यालय में आग लगा दी थी और जमकर उत्पात मचाया था। हिंसा के दौरान कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे और सैकड़ों गाड़ियां जलकर राख हो गयी थी। शासकीय कार्यालयों में रखे जनसाधारण से संबंधित दस्तावेज भी जलकर राख हो गये।
हिंसा के दौरान 13 पुलिसकर्मियों को भी घायल हुए थे, जिनमें से दो जवानों की हालत गम्भीर बताई जा रही है।