नयी दिल्ली, 14 जून (वार्ता) दूरसंचार नियामक ट्राई ने शुक्रवार को उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि उसने इन सीमित संसाधनों का कुशल उपयोग सुनिश्चित करने के लिए मोबाइल या लैंडलाइन नंबर खरीदने के लिए शुल्क लगाने का प्रस्ताव दिया है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इस महीने की शुरुआत में ‘राष्ट्रीय नंबरिंग योजना के संशोधन’ पर एक परामर्श पत्र जारी किया और सिफारिशों का मसौदा तैयार करने के लिए हितधारकों से टिप्पणियां मांगीं। ट्राई ने आज कहा कि इस संबंध में, यह हमारे ध्यान में आया है कि कुछ मीडिया हाउस (प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया) ने रिपोर्ट की है कि ट्राई ने इन सीमित संसाधनों के कुशल आवंटन और उपयोग को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मोबाइल और लैंडलाइन नंबरों के लिए शुल्क लगाने का प्रस्ताव दिया है। यह अटकलें कि ट्राई कई सिम/नंबरिंग संसाधन रखने के लिए ग्राहकों पर शुल्क लगाने का इरादा रखता है, ‘बिल्कुल’ गलत है।
ट्राई ने स्पष्टीकरण में कहा, “ ऐसे दावे निराधार हैं और केवल जनता को गुमराह करने का काम करते हैं।” दूरसंचार पहचानकर्ता (टीआई) संसाधनों का एकमात्र संरक्षक होने के नाते, दूरसंचार विभाग ने 29 सितंबर 2022 के अपने संदर्भ के माध्यम से ट्राई से संपर्क किया था, जिसमें देश में नंबरिंग संसाधनों के कुशल प्रबंधन और विवेकपूर्ण उपयोग के लिए संशोधित राष्ट्रीय नंबरिंग योजना पर ट्राई की सिफारिशें मांगी गई थीं।”
राष्ट्रीय नंबरिंग योजना (एनएनपी) के संशोधन पर ट्राई का यह परामर्श पत्र (सीपी) दूरसंचार पहचानकर्ता (टीआई) संसाधनों के आवंटन और उपयोग को प्रभावित करने वाले सभी कारकों का आकलन करने के उद्देश्य से जारी किया गया था। इसका उद्देश्य ऐसे संशोधनों का प्रस्ताव करना भी है जो आवंटन नीतियों और उपयोग प्रक्रियाओं को परिष्कृत करेंगे, जिससे वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं के लिए टीआई संसाधनों का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित होगा।