दोनो याचिकाओं पर आज फिर होगी सुनवाई
जबलपुर। नीट यूजी परीक्षा को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गयी है। दोनों याचिकाओं पर हाईकोर्ट जस्टिस अमरनाथ केसरवानी तथा जस्टिस विनोद कुमार द्विवेदी की युगलपीठ ने प्रारंभिक सुनवाई की। युगलपीठ ने दोनों याचिकाओं पर शुक्रवार 14 जून को सुनवाई के आदेश जारी किये हैं।
जबलपुर निवासी अमीषी वर्मा की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा है कि वह नीट यूजी परीक्षा 2024 में शामिल हुई थी। उसे 720 अंक में से 615 अंक प्राप्त हुए थे। उसे व्यक्तिगत तथा विशेषज्ञों की गणना अनुसार अधिक अंक मिलने की उम्मीद थी। याचिका में कहा गया था कि परीक्षा परिणाम में 67 छात्रों को शत प्रतिशत अंक मिले हैं। एक ही कोचिंग संस्थान में 6 छात्रों को शत प्रतिशत अंक तथा दो को 718 व 719 अंक प्राप्त हुए हैं। सभी के नाम व रोल नम्बर सामान्य हैं। याचिका में कहा गया था कि गलत उत्तर देने पर चार अंक काटे जाते हैं। दो छात्रों को 718 व 719 अंक कैसे मिल सकते हैं। उनका एक उत्तर गलत था तो चार नम्बर काटकर 716 अंक मिलने चाहिए थे। सभी उत्तर सही थे तो 720 अंक मिलने चाहिए थे।
याचिका में कहा गया था कि एम्स का कट ऑफ मार्क्स 717 है। एक संस्थान के छात्रों को उपकृत करने के लिए परीक्षा में भाई-भतीजावाद व भ्रष्टाचार किया गया है। याचिका में राहत चाही गयी थी कि उच्च न्यायालय की निगरानी में उच्च स्तरीय कमेटी जांच करे तथा चयनित छात्रों को अस्थाई तौर पर दाखिला दिया जाये।
भोपाल निवासी छात्रा निषिता की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि उन्हें 617 अंक मिलने चाहिए थे। रिजल्ट आने पर उन्हें 340 अंक मिले। परीक्षा में कुल 180 प्रश्न थे। जिसमें से उन्होंने 159 प्रश्नों को उत्तर सही दिया था तथा 19 प्रश्नों का उत्तर गलत दिया था। दो प्रश्नों के उत्तर में पता नहीं दिये थे। याचिका में रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आदित्य संघी पैरवी के लिए उपस्थित हुए।