ओंकारेश्वर के थापना में पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव पुराण कथा का पहला दिन
खंडवा-ओंकारेश्वर, (राजेंद्र पाराशर, जयप्रकाश पुरोहित)। बाबा ओंकारनाथ और मां नर्मदा के पवित्र स्थल ओंकारेश्वर में पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि शिव का प्रताप सबसे अलग है। सभी 12 ज्योतिर्लिंगों का ओंकारेश्वर प्रतिनिधित्व करते हैं। इनके स्मरण से ही 12 ज्योतिर्लिंग को जपने या दर्शन करने का पुण्य मिल जाता है।
मां नर्मदा के किनारे ओमकारेश्वर और ममलेश्वर स्थापित हैं। यह संयोग पूरी पृथ्वी पर अलग ही महत्व रखता है।
43 डिग्री में भी इतनी भीड़
ओंकारेश्वर में लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। 43 डिग्री तापमान में भी कथा स्थल पर लोग अनुशासनपूर्वक पूरी दोपहर कथा सुनते रहे। पंडित मिश्रा ने लोगों की पीड़ा से मुक्ति और भगवान शिव में विश्वास वाली चिट्टियां भी पढ़ीं।
बेलपत्र के पौधे रोपें
उन्होंने इस कथा को वैज्ञानिक आधार से जोड़ते हुए कहा कि बेलपत्र 51 पौधे हर व्यक्ति को अपने जीवन में रोपना चाहिए। इसमें ज्यादा ऑक्सीजन होती है। बेलपत्र में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को भी शुद्ध बनाते हैं। इनका सेवन करने से कई बीमारियां दूर भागती हैं।
इसलिए एक लोटा जल
आयोजन में के पहले दिन उन्होंने रोचक ढंग से शिव पुराण कथा का आरंभ किया। भूमिका भी उन्होंने वैज्ञानिक आधारों को केंद्र बनाकर रखीं। उन्होंने साफ कहा कि जल और भगवान शिव का संबंध पुराना है। मां नर्मदा के किनारे ओंकारेश्वर स्थापित हैं। यहां रहने वाले लोग पुण्यशाली हैं। पिछले जन्मों के फल के कारण ही वे यहां या आसपास बस गए हैं।
घर बैठे भी लाखों सुन रहे कथा
आयोजन बहुत व्यवस्थित तरीके से किया गया है। आस्था चैनल पर भी सीधा प्रसारण हो रहा है। कई श्रद्धालुओं ने लिंक जोड़कर इसे और प्रभावी बना दिया है। मतलब लाखों लोग अपने घरों में भी कथा सुन रहे हैं। कथा ओंकारेश्वर के थापना गांव में हो रही है। 25 एकड़ में पंडाल और अन्य इंतजाम किए गए हैं।
भारी भीड़ में भी सब व्यवस्थित
दूसरे दिन सोमवार को भी कथा दोपहर एक से चार बजे तक होगी। श्रद्धालुओं के भोजन और रहने की व्यवस्था भी की गई है। ट्रैफिक व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है। भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर में भी दर्शन दूर से करवाए जा रहे हैं, ताकि अधिक लोग कम समय में दर्शन कर सकें।