सियासत
इंदौर लोकसभा चुनाव लड़ने से सत्यनारायण पटेल ने इनकार कर दिया है। जाहिर है इसके बाद कांग्रेस के पास सीमित विकल्प बचे हैं क्योंकि विशाल पटेल, पंकज संघवी और संजय शुक्ला जैसे नेता भाजपा में प्रवेश कर चुके हैं।कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की दूसरी सूची जारी कर दी। इसमें मध्य प्रदेश के दस टिकट तय हुए है लेकिन प्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर की लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने उम्मीदवार घोषित नहीं किया।इंदौर लोकसभा सीट 35 सालों से कांग्रेस नहीं जीत पाई है। इस बार भी कांग्रेस को वो चेहरा नहीं मिल रहा, जो भाजपा को चुनाव में तगड़ी टक्कर दे सके।अब इंदौर सीट के लिए कांग्रेस की तरफ से अरविंद बागड़ी, अक्षय बम सहित अन्य नेतागणों के नाम चर्चा में है, लेकिन वे नेता भी गंभीर रुप से टिकट के लिए दावेदारी नहीं जता रहे है।
भाजपा ने भी इंदौर लोकसभा सीट पर उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। इंदौर सीट से किसी महिला नेत्री या केंद्रीय स्तर के नेता को टिकट देने की चर्चा भी है, लेकिन सांसद शंकर लालवानी भी दोबारा टिकट के लिए तगड़ी दावेदारी जता चुके है। इस संबंध में इंदौर जिला और नगर के कार्यकर्ताओं की बैठक भी हुई। जिसमें प्रदेश सह प्रभारी संजय कपूर में हिस्सा लिया लेकिन इस बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका। इस बैठक में कार्यवाहक शहर कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव ने लोकसभा चुनाव के टिकट लिए अपना बायोडाटा सौंपा।
सात बार कांग्रेस एक लाख के वोटों के अंतर से हारी
इंदौर संसदीय सीट को भाजपा अपना गढ़ मानती है। विधानसभा चुनाव में जिले की 9 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार चुनाव जीते। नगर निगम में भी 85 में से 70 पार्षद भाजपा के है। लोकसभा चुनाव की बात करें तो लगातार 9 बार कांग्रेस लोकसभा चुनाव इंदौर सीट से हार चुकी है। 9 में से सात बार भाजपा की जीत का अंतर एक लाख वोटों से ज्यादा रहा। सिर्फ 2009 में ही भाजपा की जीत का अंतर 11 हजार 480 वोटों पर सिमट गया था। तब कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल उम्मीदवार थे। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी पांच लाख वोटों के अंतर से चुनाव जीते थे। तब कांग्रेस ने पंकज संघवी को टिकट दिया था। अब पंकज संघवी भाजपा में हैं।