भाजपा उम्मीदवार जनार्दन मिश्रा ने 193974 मतों के अंतर से जीता चुनाव
2014 में पहली बार बने थे सांसद, भारी मतो से तीसरी बार जीत कर बनाई हैट्रिक, कांग्रेस का नही समाप्त हुआ बनवास
नवभारत न्यूज
रीवा, 4 जून, लोकसभा चुनाव रीवा में जनता का जनादेश एक बार फिर भाजपा के पक्ष में गया. लगातार तीसरी बार जनता के जनार्दन ने जीत दर्ज करते हुए हैट्रिक बनाकर पहली बार रिकार्ड कायम किया है. अब तक कोई भी सांसद लगातार तीन बार रीवा से निर्वाचित नही हुआ. भाजपा उम्मीदवार जनार्दन मिश्रा ने 193974 मतों के अंतर से चुनाव जीता. नवनिर्वाचित सांसद जनार्दन मिश्रा को जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती प्रतिभा पाल ने जीत का प्रमाण पत्र प्रदान किया, कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाया.
जनार्दन मिश्रा को 477459 मत प्राप्त हुए. इस तरह से 193974 मतो के अंतर से ऐतिहासिक जीत दर्ज की. हालाकि वर्ष 2019 में जो जीत का अंतर था वह कम हुआ है. 312807 मत पाकर चुनाव जीते थे और इस बार जीत का अंतर निश्चित रूप से घटा है. 2014 में पहली बार सांसद चुने गये थे, इसके बाद लगातार तीसरी बार जनता का आर्शीवाद मिला. कांग्रेस ने पहली बार महिला प्रत्याशी को चुनाव के मैदान में उतारा था. भाजपा से विधायक रह चुकी श्रीमती नीलम अभय मिश्रा को कांग्रेस ने चुनाव के मैदान में उतार कर चुनाव को रोचक बना दिया. लेकिन जनादेश एक बार फिर भाजपा के पक्ष में गया है. लड़ाई कांटे की रही लेकिन मोदी लहर के आगे कांग्रेस नही टिक पाई. वर्ष 2019 में कांग्रेस को 270938 मत प्राप्त हुए थे. लेकिन इस बार कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया और नीलम अभय मिश्रा को 284085 मत प्राप्त हुए है. बसपा को भी इस बार अच्छे मत मिले है. बसपा के अभिषेक मास्टर बुद्धसेन पटेल को 117221 मत प्राप्त हुए. लेकिन भाजपा को मत 2019 में मिले थे उससे कम इस बार मत प्राप्त हुए है. कही न कही भाजपा को मंथन की जरूरत है. हालाकि पिछले बार मतदान का प्रतिशत 60.46 गया था और इस बार मतदान प्रतिशत कम रहा. रिमही जनता ने एक बार फिर से भाजपा पर ही भरोसा जताया, कांग्रेस का बनवास इस बार भी नही खत्म हुआ. 1999 में कांग्रेस से सुन्दरलाल तिवारी चुनाव जीते थे, उसके बाद से अब तक कांग्रेस चुनाव नही जीत सकी. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली थी, केवल सेमरिया से जीत मिली थी. लेकिन लोकसभा चुनाव में जिस तरह से माहौल था उससे लग रहा था कि कम मतदान हुआ है तो कुछ भी हो सकता है पर तमाम कयासो पर विराम लग गया.