नयी दिल्ली, 03 नवंबर (वार्ता) पेंशनभोगियों को घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (डीएलसी) सेवाएं प्रदान करने के लिए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है।
केंद्रीय संचार मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक ईपीएफओ के 73वें स्थापना दिवस के अवसर पर आईपीपीबी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर विश्वेश्वरन और ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त रमेश कृष्णमूर्ति ने समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया।
इस सहयोग के अंतर्गत आईपीपीबी अपने 1.65 लाख से अधिक डाकघरों और 3 लाख से अधिक डाक सेवा प्रदाताओं (डाकिया और ग्रामीण डाक सेवक) के व्यापक सुविधाजनक बैंकिंग उपकरणों से लैस नेटवर्क का लाभ उठाएगा। इसके लिए फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक और फिंगरप्रिंट बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण की डिजिटल प्रक्रिया का उपयोग किया जाएगा। इससे ईपीएफओ पेंशनभोगियों को उनकी सुविधानुसार डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने में सहायता मिलेगी, जिससे उन्हें पारंपरिक कागज-आधारित प्रमाण पत्र जमा करने के लिए बैंक शाखाओं या ईपीएफओ कार्यालयों में जाने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। ईपीएफओ डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जारी करने की पूरी लागत वहन करेगा, जिससे पेंशनभोगियों के लिए यह सेवा निशुल्क हो जाएगी।
आईपीपीबी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर विश्वेश्वरन ने कहा कि ईपीएफओ के साथ यह साझेदारी देश में सुविधानजक वित्तीय और नागरिक सेवाएं पहुंचाने के आईपीपीबी के मिशन को मजबूत करेगी। हमारे तकनीक-सक्षम डाक नेटवर्क और विश्वसनीय पहुंच के साथ, ईपीएफओ पेंशनभोगी—विशेषकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में—अब अपना जीवन प्रमाण पत्र निर्बाध रूप से अपनी सुविधानुसार जमा कर सकेंगे। यह पहल भारत सरकार के ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘जीवन सुगमता’ के दृष्टिकोण के अनुरूप तकनीक और डाक अवसंरचना का उपयोग करके वरिष्ठ नागरिकों और पेंशनभोगियों के लिए समावेशी सेवा वितरण सुनिश्चित करती है।
