ग्वालियर। क्वालिटी ऑफ़ एजूकेशन की मांग को लेकर एनएसयूआई ने जीवाजी विश्वविद्यालय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये छात्र संगठन ने विश्वविद्यालय प्रबंधन पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया, वहीं लोकपाल नियुक्ति की ऑर्डिनेंस कॉपी को फाड़ कर अपना विरोध दर्ज कराया। एनएसयूआई के जीवाजी विश्वविद्यालय अध्यक्ष पारस यादव का आरोप है कि जीवाजी विश्वविद्यालय में नियम और ऑर्डिनेंस को ताक पर रखते हुए आर्थिक लाभ लेकर कुलपति और कुल सचिव ने लोकपाल की नियुक्ति की है जो कि सीधे तौर पर बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है। यही वजह है कि ऑर्डिनेंस कॉपी को फाड़ कर विरोध जताया गया है। एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय के 7 प्रमुख फर्जीवाड़े व धांधली के खिलाफ जल्द ही हाई कोर्ट में पीआईंएल दर्ज कराते हुए सीबीआई जांच की मांग की तैयारी कर ली है।
दरअसल जीवाजी विश्वविद्यालय में क्वालिटी आफ एजुकेशन को लेकर एनएसयूआई बीते 6 महीने से लगातार प्रदर्शन कर रही है। इसी दौरान जीवाजी विश्वविद्यालय में लोकपाल की नियुक्ति कर दी गई जिसको लेकर आरोप है कि विश्वविद्यालय में नियम और ऑर्डिनेंस को ताक पर रखकर लोकपाल की नियुक्ति की है इसी के साथ ही छात्र संगठन ने जीवाजी विश्वविद्यालय के ऑनलाइन टोकन सिस्टम के जरिए छात्रों को हो रही परेशानी को दूर करने, बीएड कॉलेज को संबद्धता नियमों के विरुद्ध मान्यता दिए जाने की जांच और ए डबल प्लस ग्रेड वाली जीवाजी विश्वविद्यालय में स्थाई कुल सचिव की मांग उठाई है। एनएसयूआई अध्यक्ष पारस यादव ने ऐलान किया कि यदि शासन उनकी मांगों पर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाता है तो ऐसी स्थिति में एनएसयूआई जीवाजी विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त सभी कॉलेज में अपने एक दल को गठित कर निरीक्षण के लिए भेजेंगे और वहां मौजूद खामियों को उजागर करते हुए हाईकोर्ट की शरण में जाएंगे,जहां पीआईं एल दर्ज कर जीवाजी विश्वविद्यालय के भ्रष्टाचार को बेनकाब करने के साथ सीबीआई जांच की मांग न्यायालय से करेंगे।