नयी दिल्ली 31 मई (वार्ता) विनिर्माण और खनन गतिविधियोें में आयी तेजी के बल पर वित्त वर्ष 2023-24 में भारत 8.2 प्रतिशत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के साथ दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना गया।
वित्त वर्ष 2022-23 में 7.0 प्रतिशत की वृद्धि दर रही थी।
मार्च 2024 में समाप्त चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही है जबकि मार्च 2023 में समाप्त तिमाही में यह 6.2 प्रतिशत रही थी।
जीडीपी वृद्धि के लगभग सभी अनुमानों को पीछे छोड़ते हुये भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया भर की सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से इस मामले में आगे निकल गयी है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा आज जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में नॉमिनल जीडीपी में 9.6 प्रतिशत की वृद्धि दर देखी गई है, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में 14.2 प्रतिशत की वृद्धि दर देखी गई थी।
विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में इस दौरान 9.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है जबकि पिछले वित्त वर्ष में शून्य से 2.2 प्रतिशत नीचे रहा था।
इसी तरह से खान एवं उत्खनन क्षेत्र का प्रदर्शन भी बेहतर रहा है।
वित्त वर्ष 2022-23 में यह क्षेत्र 1.9 प्रतिशत की गति से बढ़ा था जो इस वर्ष मार्च में समाप्त तिमाही में बढ़कर 7.1 प्रतिशत पर पहुंच गया।
वित्त वर्ष 2022-23 में देश का जीडीपी 16071429 करोड़ रुपये रहा था जो इस वर्ष 8.2 प्रतिशत बढ़कर 17381722 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही है जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 6.2 प्रतिशत रही थी।