नयी दिल्ली 31 मई (वार्ता) देश में 18वीं लोकसभा के चुनाव के लिए करीब दो महीने तक चले हाई-वोल्टेज प्रचार के बाद अब सभी की निगाहें शनिवार को अंतिम चरण में 57 संसदीय सीटों के लिए होने वाले मतदान पर टिकी है।
इन सीटों में सर्वाधिक हाईप्रोफाइल वाराणसी सीट भी शामिल हैं, जहां से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। श्री मोदी ने 2014 और 2019 में यहां से जीत हासिल की और अब अपने तीसरे कार्यकाल के लिए कृतसंकल्पित हैं।
केंद्रशासित चंडीगढ़ की एक सीट समेत हिमाचल प्रदेश और पंजाब की सभी सीटों के साथ, ओडिशा (छह), उत्तर प्रदेश में (13) , पश्चिम बंगाल में (नौ) तथा बिहार में आठ एवं झारखंड (तीन) सीटों पर भी मतदान होगा।
वर्ष 2019 के आम चुनावों में इन 57 में से भाजपा ने 25 सीटें जीतीं, तृणमूल कांग्रेस ने नौ और कांग्रेस ने आठ सीटें जीती थी।
अंतिम चरण के चुनाव में कुल 904 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें पंजाब से 328, उत्तर प्रदेश से 144, बिहार से 134, ओडिशा से 66, झारखंड से 52, हिमाचल प्रदेश से 37 और चंडीगढ़ से चार प्रत्याशी शामिल हैं।
प्रमुख उम्मीदवारों में प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर , अभिनेत्री से नेत्री बनी कंगना रनौत, हरसिमरत कौर बादल, रवि किशन, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी तथा अन्य प्रमुख नेता शामिल हैं।
इससे पहले सात चरणों वाले चुनावों के लिए 75 दिनों तक चला प्रचार अभियान गुरुवार को समाप्त हो गया। केंद्र मे सत्तारूढ़ भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) तीसरी बार सत्तासीन होने के लिए कोशिश कर रही है वहीं कांग्रेस समेत प्रमुख विपक्षी दलों का इंडिया समूह ने एक दशक के बाद सत्ता में उलटफेर को लेकर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
इस बीच श्री मोदी ने पश्चिम बंगाल में अपना तूफानी अभियान पूरा करने के बाद चुनाव प्रचार के अंतिम दिन पंजाब में जनसभाएं की और इसके बाद 48 घंटे के ध्यान के लिए देश के सबसे दक्षिणी छोर पर कन्याकुमारी चले गये।