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खंडवा। जल संकट कृत्रिम तो नहीं? लंबे हो-हल्ले के बाद नेताओं के टैंकर उतारने की तैयारी हो रही है। स्थिति ऐसी पैदा हो गई कि लोग खुद टैंकर की डिमांड करने लगे। क्या हुआ शहर की प्यास बुझाने के 200 करोड़ पानी पर ढोलने का? 270 ट्यूबवेल से महंगी बिजली खर्च कर अलग से वाटर सप्लाय का? विश्वा कंपनी क्यों खंडवा के लिए विश्वासघाती हो गई? शनिवार को तापमान 45.5 डिग्री था। रोहिणी चल रही है। ऐसे में पानी की ज्यादा जरूरत है। लोग परेशान हो रहे हैं।
इस बीच खबर आ रही है कि रांई की पाइप लाइन सुधार दी गई है। शनिवार दोपहर बाद से ट्रायल शुरू हुआ। रविवार सुबह तक टंकियाँ भरी जाएंगी। इसके बाद पानी की सप्लाय लगभग शुरू हो जाएगा। फिर भी टैंकर चलेंगे। पाइप लाइन गर्मी में ऐन वक्त पर ही क्यों फूटती है? कलेक्टर ने तो कोटवार और पटवारियों को पाइप लाइन का चौकीदार बना दिया था। फिर भी लाइन फूट गई। निगम और प्रदेश में एक ही पार्टी सत्तारूढ़ है। क्या इसी डबल इंजन से व्यवस्थाओं की रेल एक दूसरे के अपोजिट खींची जा रही है?
आधा शहर केन के भरोसे
इनसे आम जनता को मतलब नहीं। लोगों को तो कंठ तर करने के लिए पानी चाहिए। 25 रुपए की 20 लीटर केन आधा शहर खरीद रहा है। सौ से ज्यादा केन वाले कौन से मिनरल का पानी दे रहे हैं? नगर निगम कार्रवाई इसलिए नहीं कर पाता,क्योंकि ये ही वाटर सप्लायर शहर की आधी आबादी को स्वच्छ जल उपलब्ध करा रही है।
आधी रात रांईं पहुंचे नेता
शुक्रवार रात में राई ग्राम में चल रहे पाइपलाइन लीकेज मरम्मत कार्य को देखने विधायक प्रतिनिधि मुकेश तनवे भी पहुंचे। चारखेड़ा से खंडवा तक 56 किलोमीटर पाइप लाइन के माध्यम से नर्मदा का जल खंडवा पहुंचता है। निगम का बेतुका तर्क यह भी है कि गर्मी के दिनों में बिजली की खपत ज्यादा होने से वोल्टेज में प्रॉब्लम आती है, जिससे पाइपलाइन में लीकेज आ जाता है। निगम खुद ही असफलता बता रही है कि ग्रामीण क्षेत्र के कुछ लोगों द्वारा लाइन को फोड़ देने के कारण शहर में जलप्रदाय में परेशानियां आती है।
लोगों तक पानी पहुंचाएंगे
महापौर अमृता यादव ने कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों को निगम के अन्य कार्यों को छोडक़र जलप्रदाय व्यवस्था में ही लगा रखा है। नर्मदा का जल जहां नहीं पहुंच रहा है वहां टैंकरों के माध्यम से पार्षदों की अनुशंसा पर जल वितरण क्षेत्र वासियों को किया जा रहा है।
महापौर ने माँगा सहयोग
महापौर अमृता यादव ने सबसे सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि शहर की जनता को पानी मिले। इसकी चिंता हम सबको करनी है। पानी के लिए राजनीति नहीं होना चाहिए। दिन रात निगम का अमला जल आपूर्ति कार्य में लगा हुआ है। जनता का सहयोग मांगा है। उन्होंने कहा कि शहर की जनता को जलप्रदाय में कोई तकलीफ ना आए। पाइपलाइन लीकेज के समय टैंकरों के माध्यम से जल आपूर्ति वार्डों में की जाए। इस संकट के समय विधायक महापौर और पार्टी के कार्यकर्ता भी निगम के साथ हैं। महापौर अमृता अमर यादव एवं विधायक कंचन मुकेश तनवे ने कहा कि जानबूझकर पानी की समस्या पैदा नहीं होती। पानी के टैंकरों के माध्यम से भी जल प्रदाय वार्डों में किया जा रहा है।