जिपं सीईओ अर्पित वर्मा ने 10 कर्मचारियों की सेवा की समाप्त, आदेश जारी

नवभारत न्यूज
दमोह. राजीव गांधी वाटरशेड के कार्यों में अनियमितताएं पाए जाने पर कलेक्टर के आदेश पर जिला पंचायत सीईओ अर्पित वर्मा ने 10 समन्वयक की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. जांच में पाया गया कि इन सभी ने व्यापक स्तर पर काम में राशि की हेराफेरी की है. बतादे कि राजीव गांधी जल ग्रहण मिशन के अंतर्गत कराए गए कार्यों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आने के बाद कलेक्टर ने सख्त कार्रवाई की है. कलेक्टर के आदेश पर जिला पंचायत सीईओ अर्पित वर्मा ने 10 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं. कर्मचारियों को आदेश दिया गया है कि वह विभागीय दस्तावेज आदि विभाग में जमा कर दें. कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने के साथ ही उन पर जांच समिति द्वारा वसूली योग्य राशि भी अधिरोपित की गई है.
दरअसल, जिला पंचायत के अंतर्गत आने वाले राजीव गांधी जल ग्रहण मिशन के तहत जिलेभर में विभिन्न तालाबों का निर्माण कराया गया है. कहीं प्लांटेशन तो कहीं चेक डेम बनाए गए हैं, लेकिन इनमें बड़े पैमाने पर अनियमितताएं की गई हैं. जिसकी शिकायत होने के बाद संचालक राजीव गांधी जल ग्रहण मिशन मप्र शासन के निर्देश के बाद मामलों की जांच समिति द्वारा जांच व निरीक्षण कराया गया. जिसमें कई प्रकार की अनियमितताएं सामने आने के बाद कलेक्टर ने जिला पंचायत सीईओ अर्पित वर्मा को आदेश दिए कि सभी संबंधित कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी जाएं. राजीव गांधी जल ग्रहण मिशन के अंतर्गत जल ग्रहण मिशन के अनुराग खरे, आदित्य दुबे, कैलाश पटेल, बृजलाल अहिरवार, अरविंद पटेल, मनीष वर्मा, राजेंद्र अहिरवार, राहुल बर्दिया, जितेंद्र राजपूत व संजय सेन की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. ये सभी कर्मचारी वाटर शेड में समन्वयक के पद पर कार्यरत थे. जांच समिति ने पाया कि सभी कर्मचारियों ने अपने अपने कार्यक्षेत्र में अनियमितताएं की हैं. अनुराग खरे ने देवरी निजाम में बनाए गए वाटर शेड में पिचिंग व मिट्टी की खुदाई मानक स्तर पर नहीं की तथा उसका भुगतान भी नहीं किया. इन पर 36,890 की राशि अधिरोपित की गई है.इसी तरह आदित्य दुबे ने अजीतपुर, निबोरा रैयतवारी पिंडरई पांजी, बेलढाना में जो वाटरशेड बनाए गए हैं, उनमें प्राक्कलन के अनुसार काम नहीं किया गया. बेस्ट बीयर ऊंचाई व लंबाई चौड़ाई का भी हिसाब नहीं रखा तथा मनमाने तरीके से काम किया है. एक अन्य समन्वयक कैलाश पटेल ने प्लांटेशन के कार्य में चयन स्थल, समय पर प्लांटेशन न करने, वित्तीय अनियमितता तथा गुणवत्ता हीन कार्य करने का आरोप सिद्ध पाया गया है. बृजलाल अहिरवार व अरविंद पटेल पर ग्राम पंचायत बमनी में निर्धारित प्राक्कलन से हटकर वाटर शेड का निर्माण किए जाने का दोष सिद्ध हुआ है.

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