जम्मू 14 मई (वार्ता) सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल (डीजीबीआर) रघु श्रीनिवासन ने मंगलवार को अखनूर-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग पर रणनीतिक सुंगल सुरंग के निर्णायक समारोह की समीक्षा करते हुए कहा कि बीआरओ रक्षा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी), नियंत्रण रेखा (एलसी) और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर रणनीतिक सड़कों का निर्माण एवं उन्नयन के लिए प्रतिबद्ध है।
बीआरओ ने अखनूर-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग पर रणनीतिक सुंगल सुरंग में बड़ी सफलता हासिल की है।
जम्मू स्थित रक्षा पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने मंगलवार को कहा कि ‘द गोल्डन आर्क रोड’ (अखनूर-पुंछ) 200 किलोमीटर का एक बहुत पुराना और अत्यधिक रणनीतिक मार्ग है जो दक्षिण कश्मीर और जम्मू क्षेत्र को पश्चिम से जोड़ता है।
यह अखनूर, राजौरी और पुंछ जैसे महत्वपूर्ण सीमावर्ती जिलों को जोड़ता है। उन्होंने कहा कि इस खंड में चार प्रमुख सुरंगें हैं, कंडी सुरंग, सुंगल सुरंग, नौशेरा सुरंग और भिंबर गली सुरंग।
पीआरओ ने कहा कि अखनूर को पुंछ से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग 144ए का निर्माण मंगलवार को एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर पर पहुंच गया क्योंकि सुंगल सुरंग के लिए ब्रेकथ्रू समारोह हुआ।
सत्ताइस सौ नब्बे (2790) मीटर लंबी प्रभावशाली सुरंग अखनूर और पुंछ को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
डीजीबीआर लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने ब्रेकथ्रू समारोह की समीक्षा की, जो सुरंग की निर्माण गतिविधि में एक बड़ी सफलता का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “यह सफलता इस परियोजना के महत्व को रेखांकित करती है जो क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाने और राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुचारू परिवहन की सुविधा प्रदान करने में एक बड़ा कदम है।”
उन्होंने कहा कि इस साल 28 जनवरी को नौशेरा सुरंग में सफलता हासिल की गई, जो राजौरी और पुंछ के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी प्रदान करने की दिशा में बीआरओ के प्रयासों को दर्शाता है।
पीआरओ ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग की प्रगति हुई है और परियोजना 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है।
अपने संबोधन के दौरान, डीजीबीआर लेफ्टिनेंट जनरल श्रीनिवासन ने कहा कि बीआरओ जम्मू-पुंछ क्षेत्र के दूरदराज के क्षेत्रों को प्रमुख केंद्रों से जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं का नेतृत्व कर रहा है। जम्मू-पुंछ लिंक तेजी से आगे बढ़ते हुए अगले कुछ वर्षों में पूरा होने की राह पर है।
एलओसी पर रक्षा बुनियादी ढांचे के बारे में पूछे जाने पर, डीजीबीआर ने बताया कि रक्षा बुनियादी ढांचे का विकास एक सतत प्रक्रिया है और बीआरओ आईबी, एलसी तथा एलएसी के साथ रणनीतिक सड़कों के निर्माण और उन्नयन के माध्यम से रक्षा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
बीआरओ और प्रोजेक्ट संपर्क अपने क्षेत्र के नागरिकों के जीवन को बनाने, जोड़ने, देखभाल करने तथा बचाने की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ हैं।