*बुड़की के लड्डू और देर से सोकर उठना बना विवाद का कारण*
*समझाइश ने बचाया घर बिखरने से*
नवभारत, न्यूज
दमोह. 11 मई को जिला अदालत दमोह में आयोजित लोक अदालत में एक रोचक वाक्या देखने में आया दरअसल इमलाई महोरी के नारायण पटेल की शादी करीब 22 वर्ष पूर्व नंदरई की मंझली बहु के साथ हुई थी, दोनों पति पत्नी में बाकायदा 03 बच्चे भी थे, किंतु मंझली बहु का देर से सोकर उठना और मकर संक्रांति पर मायके जाने की जिद करना इनके बीच विवाद का कारण बन गया, मंझली बहु संक्रांति के दिन से ही विवाद करके मायके में रहने लगी. जिस पर पति नारायण ने फैमली कोर्ट में मंझली बहु के खिलाफ मुकदमा लगा दिया, 14 जनवरी 24 से अलग अलग रह रहे जोड़े को प्रधान जिला न्यायाधीश अजय प्रकाश मिश्रा एवं प्रधान न्यायाधीश फेमिली कोर्ट अंजनी नंदन जोशी ने लोक अदालत के दिन समझाइश दी, चीफ लीगल डिफेंस मनीष नगाइच ने बताया के नारायण के एडवोकेट मयंक पटेल ने अपने पक्षकार नारायण को राजीनामा करने प्रेरित किया व समझाया के शादी के 22 सालों बाद कोर्ट कचहरी करना सही नहीं है. न्यायालय में आयोजित लोक अदालत की सुनवाई में सचिव व जिला न्यायाधीश धर्मेश भट्ट व विधिक सहायता अधिकारी रजनीश चौरसिया ने जोड़े को मालाएं उपलब्ध करवाकर आपस में फिर से उन्हें एक होने जतन किया व सभी के प्रयासों से व पति पत्नी के 22 सालों के पुराने प्रेम ने कोर्ट मामले को धुधंला कर जोड़े ने नया विवाद रहित जीवन फिर से शुरु किया.
*प्रधान न्यायाधीश ने गांव में शिविर आयोजित करने की जाती मंशा*
दोनों पति-पत्नी को समझाइस देने पर उनके सामने आए, पति पत्नी के रोचक प्रसंगों से उत्साहित होकर प्रधान न्यायाधीश अजय प्रकाश मिश्र ने इस जोड़े के गांव में शिविर आयोजित करने की मंशा जताई. साथ ही शिविर में जोड़े को आने बाबत भी बात कही, ताकि इस तरह के समझौते से समाज के अन्य विवाद करने वाले लोग शिक्षा ले व विवाद विहीन जीवन जियें.