– मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को फ्री हैंड देगा आलाकमान, दबाव मुक्त होकर मोदी की गारंटी को लागू करने का प्रयास करेंगे
मिलिंद मुजुमदार
भोपाल. 13 मई यानी सोमवार को मध्य प्रदेश में चुनाव समाप्त हो जाएंगे। प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर चौथे चरण में मतदान संपन्न हो जाएगा। इसके बाद प्रदेश भाजपा के सभी नेता 4 जून के बाद की राजनीति पर अभी से फोकस कर देंगे। सूत्रों के बाद अनुसार 4 जून के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में बड़े फेरबदल होंगे। तीसरे चरण में मध्य प्रदेश की नौ लोकसभा सीटों पर 7 मई को मतदान संपन्न हो गया। इन सीटों में शिवराज सिंह चौहान की विदिशा, दिग्विजय सिंह की राजगढ़ और ज्योतिरादित्य सिंधिया की गुना सीट शामिल है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का विदिशा से भारी अंतर से जीतना तय है। उनके जीत के अंतर को लेकर सारे देशभर में उत्सुकता है।
विदिशा देशभर की भाजपा की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक है। यहां जनसंघ और हिंदू महासभा का काम 50 के दशक से है। विदिशा के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया की गुना और दिग्विजय सिंह की राजगढ़ संसदीय सीट पर भी देश की निगाहें हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया का जीतना भी तय है। राजगढ़ में भाजपा पूरी तरह से मोदी लहर पर निर्भर है। यदि मोदी और राम मंदिर के पक्ष में अंडर करंट नहीं हुआ तो दिग्विजय सिंह बड़ा उलटफेर कर सकते हैं। यदि भाजपा की सरकार बनने की संभावना बलबती होती है तो शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया का केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होना लगभग तय है। जो संकेत हैं उनके अनुसार नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिमंडल में प्रदेश से तीन मंत्री शामिल हो सकते हैं। शिवराज सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, गणेश सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते, हिमाद्री सिंह, सुधीर गुप्ता भी मंत्रिमंडल के दावेदार होंगे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोशल इंजीनियरिंग पर बहुत ध्यान देते हैं। उस हिसाब से शिवराज सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा तीसरे मंत्री के रूप में किसी आदिवासी का नंबर लगेगा। फग्गन सिंह कुलस्ते का रिकॉर्ड देखते हुए काफी संभावना है कि यदि वह मंडला से जीत भी जाते हैं तो भी उन्हें मंत्रिमंडल में शायद ही शामिल किया जाए। उनके स्थान पर शहडोल से जीत की संभावना वाली आदिवासी नेता हिमाद्री सिंह का नाम केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में सामने आ सकता है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का कार्यकाल पिछले वर्ष ही समाप्त हो गया था। लोकसभा चुनाव को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मध्य क्षेत्र इकाई ने उन्हें बनाए रखने की सिफारिश की थी। यह तय कि लोकसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश भाजपा को नया अध्यक्ष मिलेगा।
विष्णु दत्त शर्मा यदि केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होते हैं तो उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में संगठन में लिया जाना तय है। यह भी संभव है कि पार्टी अक्टूबर तक संगठन चुनाव करवा ले और संगठन चुनाव के जरिए नए भाजपा अध्यक्ष की ताजपोशी हो। यदि ऐसा होता है तो विष्णु दत्त शर्मा 4 महीने तक और अपने पद पर रह सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लेकर किसी को संदेह नहीं है कि वो मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होंगे क्योंकि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी सभा में कहा है कि मैं शिवराज सिंह चौहान को दिल्ली लेकर जाऊंगा। जाहिर है शिवराज सिंह चौहान राष्ट्रीय राजनीति में नई पारी खेलेंगे। वैसे भी वो चार बार सांसद रह चुके हैं। उन्होंने युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव और राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पूरे देश भर के दौरे किए हैं। इसलिए राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय होना उनके लिए कोई नई बात नहीं रहेगी, लेकिन केंद्रीय मंत्री के रूप में काम करने का उनका पहला अनुभव होगा। ज्योतिरादित्य सिंधिया की कार्यशैली और प्रशासनिक क्षमता का लोहा पक्ष और विपक्ष दोनों में माना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तीनों ही श्री सिंधिया के प्रशंसक हैं। जाहिर है उन्हें फिर से शामिल किया जाना तय है।
लोकसभा चुनाव के बाद फेरबदल की प्रक्रिया प्रारंभ होगी !
लोकसभा चुनाव के बाद यानी 4 जून को परिणाम आने के बाद भाजपा में तेजी से फेरबदल की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। मध्य प्रदेश इस फेरबदल से पूरी तरह से प्रभावित होगा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को शपथ लेने के बाद पूरी क्षमता से काम करने का मौका नहीं मिला क्योंकि लोकसभा के चुनाव की तैयारी करनी थी। लोकसभा चुनाव के बाद वो खुलकर बैटिंग करेंगे। आलाकमान की तरफ से उन्हें न केवल संरक्षण है बल्कि फ्री हैंड भी रहेगा। जाहिर है प्रदेश की नई सरकार 4 जून के बाद पूरी क्षमता के साथ अपना एजेंडा लेकर सामने आएगी। खासतौर पर मोदी की गारंटी को ग्रास रूट लेवल पर क्रियान्वित करना मुख्यमंत्री की जवाबदारी रहेगी।
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