मंडी रेट ज्यादा, उपार्जन केंद्रों पर सन्नाटा

चना, मसूर और सरसों का उपार्जन शून्य

जबलपुर: जिले में चल रही चना,मसूर और सरसों की खरीदी अभी तक शून्य पड़ी हुई है।  खरीदी केंद्रों पर किसान इन फसलों को लेकर नहीं पहुंच रहे हैं। जिसके कारण अभी तक एक भी दाना चना, मसूर और सरसों का सरकारी उपार्जन में नहीं खरीदा गया है। जानकारी के अनुसार इस वर्ष मंडी रेट ज्यादा होने के कारण किसान मंडी में ही अपनी फसल बेचना पसंद कर रहे हैं। जिसके चलते प्रशासन द्वारा जो उपार्जन केंद्र जिले में चना,मसूर और सरसों के लिए बनाए गए हैं, वहां पर सन्नाटा पसरा हुआ है। गौरतलब है कि शासन द्वारा चना 5 हजार 440 रूपए प्रति क्विंटल मसूर 6 हजार 425 रूपए प्रति क्विंटल एवं सरसों  5 हजार 650 रूपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य घोषित किया गया है।
31 मई तक होगा फसलों का उपार्जन
उल्लेखनीय है कि जिले के किसानों से रबी विपणन वर्ष 2023-24 में प्राइस सपोर्ट स्कीम के अंतर्गत चना, मसूर एवं सरसों का उपार्जन आठ केंद्रों पर किया जा रहा है। जिसका उपार्जन का कार्य 26 मार्च से प्रारंभ किया गया था और यह 31 मई तक जारी रहेगा। किसानों को उपार्जन केन्द्रों या कियोस्क अथवा स्वयं द्वारा अपनी सुविधानुसार स्लॉट बुक कर अपनी उपज का विक्रय शासकीय उपार्जन केन्द्रों पर करने की सलाह दी है।
जिले में हैं 8 खरीदी केंद्र
किसानों से प्राइस स्पोर्ट स्कीम के तहत चना, मसूर और सरसों के उपार्जन हेतु जिले में आठ खरीदी केन्द्र स्थापित किये गये हैं। ये केंद्र जबलपुर विकासखण्ड में कृषि उपज मंडी जबलपुर, कुंडम में ग्राम टिकरिया, पनागर में ग्राम हथना, पाटन में ग्राम बिनेकी, मझौली में ग्राम मोहनिया और गौरहा, शहपुरा में एसएमजेटी वेयर हाउस तथा सिहोरा विकासखण्ड में पहरेवा नाका में स्थापित किये गये हैं। जिसमें जिले के किसानों द्वारा चना उपार्जन के लिये 5 हजार 750, मसूर के लिये 979 एवं सरसों के उपार्जन के लिए 338 ने पंजीयन कराया गया है।
इनका कहना है
मंडी में प्राइवेट रेट ज्यादा होने के कारण अभी तक बिल्कुल उपार्जन नहीं हुआ है, लेकिन 31 मई तक तारीख है उम्मीद है जल्द उपार्जन बड़ी मात्रा में होगा।
रवि आम्रवंशी,
उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास

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