लोकसभा के पिछले तीन चुनाव परिणाम में गोंगपा की जब्त हो चुकी है जमानत, भाजपा के बागी पूर्व राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह के गोंगपा से चुनाव मैदान में उतरने और चुनाव में सक्रियता को लेकर राजनैतिक विश्लेषक लगा रहे कयाससीधी 2 मई। लोकसभा चुनाव 2024 के महासंग्राम में मध्यप्रदेश की सीधी लोकसभा के चुनाव हेतु मतदान 19 अप्रैल को होने के बाद से राजनैतिक विश्लेषकों द्वारा परिणाम को लेकर लगाये जा रहे कयासों में इस बात की चर्चा राजनैतिक गलियारों में जोरों से चल रही है कि पिछले तीन लोकसभा चुनाव परिणाम में जमानत जब्त का दंश झेल चुकी गोडवाना गणतंत्र पार्टी की क्या इस लोकसभा में जमानत बचा पायेगी। इस तरह के कयास इसलिए लगाये जा रहे हैं कि भाजपा के बागी पूर्व राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह गोंगपा के प्रत्याशी बतौर मैदान में थे।
यहां बताते चलें की सीधी लोकसभा सीट के 2009 में अनारक्षित होने के साथ ही घटने वाले राजनैतिक घटनाक्रम रोचक रहे हैं। यहां यदि हम बात करें लोकसभा चुनाव 2009 की तो भाजपा ने वरिष्ठ भाजपा नेता गोविन्द मिश्रा को प्रत्याशी बनाया गया। वहीं इस सीट से कांग्रेस पार्टी ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री इन्द्रजीत कुमार को मैदान में उतारा। इस चुनाव में रोचक तथ्य यह रहा कि कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय नेता, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व केन्द्रीय मंत्री रहे कुंवर अर्जुन सिंह की पुत्री श्रीमती वीणा सिंह निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद गई। जिन्हे 66 हजार 985 मत मिले। इस चुनाव में भाजपा को अपने निकटतम प्रतिदेदी कांग्रेस प्रत्याशी से जीत मिली। बांकी सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। जिसमें गोड़वाना गणतंत्र पार्टी भी शामिल है। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने सांसद गोविन्द मिश्रा की टिकट काटकर नये प्रत्याशी के रूप में जिला पंचायत सीधी अध्यक्ष श्रीमती रीती पाठक को प्रत्याशी बना चुनाव मैदान में उतारकर चुनाव को रोचक बना दिया।
इधर यदि हम बात करें 2019 के लोकसभा चुनाव की तो कांग्रेस ने इस बार वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल जैसे कद्दावर नेता को प्रत्याशी बना जीत का दावा कर रही थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लहर में दूसरी बार भाजपा प्रत्याशी रही श्रीमती रीती पाठक को लम्बे अंतर से ऐतिहासिक जीत ने इस चुनाव परिणाम को रोचक बना दिया। अब हम यदि बात करें 2024 के लोकसभा चुनाव की तो भाजपा ने संघर्षशील, निष्ठावान, एक सहज, सरल पार्टी के समर्पित पदाधिकारी कार्यकर्ता डॉ.राजेश मिश्रा को प्रत्याशी बनाया, तो कांग्रेस पार्टी ने युवा, जुझारू, संघर्षशील नेता, पूर्व मंत्री एवं सीडब्लूसी सदस्य कमलेश्वर पटेल को चुनाव मैदान में उतारकर ओबीसी कार्ड खेला।
इस चुनाव में रोचक तत्थ यह रहा कि टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा से राज्यसभा सांसद रहे अजय प्रताप सिंह ने भाजपा का दामन छोडक़र गोड़वाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे गये। गौरतलब है कि पिछले तीन लोकसभा चुनाव परिणाम पर नजर दौड़ाये तो गोड़वाना गणतंत्र पार्टी की तीनों चुनाव में जमानत जब्त हो गई थी। इस बार गोड़वाना गणतंत्र पार्टी ने भाजपा के बागी राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह को प्रत्याशी बना जहां चुनाव को कुछ समय के लिए रोचक बना दिया था। वहीं अब राजनैतिक विश्लेषकों के बीच यह चर्चा चल रही है कि पहली बार गोड़वाना गणतंत्र पार्टी का इस चुनाव में जो शक्ति प्रदर्शन देखने को मिला है उससे गोड़वाना गणतंत्र पार्टी अपनी जमानत बचा पायेगी क्या?
गोंगपा को पिछले चुनावों में मिले मतों पर एक नजर
लोकसभा सीधी के पिछले तीन चुनावों के परिणाम पर नजर दौड़ाई जाए तो तीनों चुनाव में गोंगपा की जमानत जब्त हो गई थी। 2009 के चुनाव में गोंगपा प्रत्याशी को 20 हजार 598 मत मिले। 2014 में गोंगपा प्रत्याशी को 23 हजार 298 और 2019 में सिर्फ 17 हजार 32 मत मिले थे।
जमानत बचाने के लिये 1 लाख 90 हजार से अधिक मत चाहिए
सीधी लोकसभा चुनाव में इस बार अपेक्षा से मतदान का प्रतिशत कम रहा है। चुनाव में पड़े मतों की संख्या पर यदि नजर दौड़ायें तो 11 लाख 46 हजार 150 मत पड़े हैं। इसके अनुसार चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी को जमानत बचाने के लिए 16.66 प्रतिशत के हिसाब से 1 लाख 90 हजार 948 मत मिलना राजनैतिक विश्लेषक बता रहे हैं।
पिछले चुनावों में बसपा से भी कम मत मिले थे गोंगपा को
पिछले तीन लोकसभा चुनाव परिणाम देखें तो गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी को बहुजन समाज पार्टी से कम मत मिले हैं। 2009 में बसपा को 53 हजार 760 मत, गोंगपा को 20 हजार 598 मत मिले। 2014 में बसपा को 39 हजार 387 तो गोंगपा को 23 हजार 298 मत प्राप्त हुए। 2019 में बसपा को जहां 26 हजार 540 तो गोंगपा को सिर्फ 17 हजार 32 मत मिले थे।