भोपाल, 15 नवंबर (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जनजातीय समाज के देश के सांस्कृतिक विकास में योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि आदिवासियों की हर बात में तत्व ज्ञान होता है और भगवान श्री राम के जीवन में जनजातीय समाज के अभूतपूर्व योगदान ने एक ‘राजकुमार’ को ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ बना दिया।
श्री मोदी यहां भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर मनाए जा रहे ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के तहत आयोजित विशाल जनजातीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे।
इस दौरान उन्होंने कहा कि श्री राम ने वनवास के दौरान जनजातीय समाज की परंपराओं से प्रेरणा पाई। उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक यात्रा में इस समाज का योगदान अटूट है। उन्होंने सवाल किया कि इस समाज के योगदान के बिना क्या प्रभु श्री राम के जीवन में सफलता की कल्पना की जा सकती है। वनवासियों के समुदाय के साथ बिताए समय ने एक ‘राजकुमार’ को ‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ बनाने में अहम योगदान दिया।
इस कार्यक्रम के पहले आयोजन स्थल पर मध्यप्रदेश की लगभग सभी जनजातियों में किए जाने वाले कर्मा नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इस नृत्य के गीत के संदर्भ में श्री मोदी ने कहा कि आदिवासियों की हर बात में तत्व ज्ञान होता है। उनकी हर बात में ‘पर्पस ऑफ लाइफ’ होता है। उन्होंने कहा कि हमें उनसे बहुत कुछ सीखने की जरुरत है। इससे बड़ी देश की विरासत और पूंजी कुछ नहीं है।
इस नृत्य की प्रस्तुति के बाद श्री मोदी ने गीत के भाव समझाते हुए अपने संबोधन में कहा कि जीवन चार दिनों का मेला है और धन-दौलत सब यहीं छूट जाना है।