कांग्रेस ने बाहरी को दिया टिकट, तो भाजपा ने स्थानीय पर जताया भरोसा

देवास संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के मालवीय और भाजपा के सोलंकी के बीच होगा मुकाबला

 

शाजापुर, 12 मार्च. देवास-शाजापुर संसदीय क्षेत्र से भाजपा और कांग्रेस ने अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. भाजपा ने वर्तमान सांसद महेंद्र सोलंकी पर भरोसा जताया, तो कांग्रेस ने इंदौर निवासी पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राधाकिशन मालवीय के पुत्र राजेंद्र मालवीय को टिकट दिया है. जहां कांग्रेस ने बाहरी उम्मीदवार को मैदान में उतारा, तो भाजपा ने स्थानीय प्रत्याशी को टिकट दिया है.

गौरतलब है कि भाजपा ने देवास संसदीय क्षेत्र से वर्तमान सांसद महेंद्र सोलंकी को दोबारा टिकट दिया, तो वहीं कांग्रेस की सूची में पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राधाकिशन मालवीय के पुत्र राजेंद्र मालवीय को देवास संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है. पूर्व में भी स्व. राधाकिशन मालवीय शाजापुर-देवास संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं और उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा था. अब देखना यह है कि राजेंद्र मालवीय भाजपा प्रत्याशी महेंद्र सोलंकी को कितनी चुनौती दे पाते हैं. बीते चार दशकों में कांग्रेस यहां केवल दो बार ही जीत दर्ज कर पाई है. लगातार भाजपा जीतती रही है.

 

विधानसभा या लोकसभा चुनाव लडऩे का नहीं है राजेंद्र मालवीय को अनुभव

 

मजबूत स्थिति में है महेंद्र सोलंकी

 

भले ही चुनाव की घोषणा नहीं हुई हो, लेकिन जिस प्रकार कांग्रेस ने एक बाहरी प्रत्याशी को टिकट दिया, उसे देखकर कह सकते हैं कि देवास-शाजापुर संसदीय क्षेत्र से महेंद्र सोलंकी की स्थिति मजबूत नजर आ रही है. कांग्रेस प्रत्याशी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि देवास संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस के छत्रप नेताओं को एक साथ चुनाव में एक जाजम पर लाना कठिन चुनौती होगी. देवास की बात करें तो सज्जनसिंह वर्मा, शाजापुर में हुकुमसिंह कराड़ा दोनों के बीच राजनीतिक अदावत एक दशक से जारी है. अब ऐसे में कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र मालवीय को इन छत्रप नेताओं को लोकसभा चुनाव के लिए एक जाजम पर बैठाना सबसे बड़ी चुनौती है.

 

कांग्रेस ने राजेंद्र राधाकिशन मालवीय को शाजापुर-देवास संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार घोषित किया है. उनकी पहचान इतनी है कि वे पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राधाकिशन मालवीय के पुत्र हैं. साथ ही विधानसभा या लोकसभा चुनाव लडऩे का कोई अनुभव नहीं है. उनके बायोडाटा के अनुसार सरपंच, जनपद सदस्य और जिला पंचायत सदस्य तक ही चुनाव लड़े हैं. पहली बार वे लोकसभा के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में मैदान में होंगे.जेंद्र मालवीय को अनुभव

 

मजबूत स्थिति में है महेंद्र सोलंकी

 

भले ही चुनाव की घोषणा नहीं हुई हो, लेकिन जिस प्रकार कांग्रेस ने एक बाहरी प्रत्याशी को टिकट दिया, उसे देखकर कह सकते हैं कि देवास-शाजापुर संसदीय क्षेत्र से महेंद्र सोलंकी की स्थिति मजबूत नजर आ रही है. कांग्रेस प्रत्याशी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि देवास संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस के छत्रप नेताओं को एक साथ चुनाव में एक जाजम पर लाना कठिन चुनौती होगी. देवास की बात करें तो सज्जनसिंह वर्मा, शाजापुर में हुकुमसिंह कराड़ा दोनों के बीच राजनीतिक अदावत एक दशक से जारी है. अब ऐसे में कांग्रेस उम्मीदवार राजेंद्र मालवीय को इन छत्रप नेताओं को लोकसभा चुनाव के लिए एक जाजम पर बैठाना सबसे बड़ी चुनौती है.

 

बाहरी होने से कार्यकर्ताओं में पहचान का अभाव

 

अचानक इंदौर से बाहरी उम्मीदवार कांग्रेस ने भेजकर कार्यकर्ताओं पर थोप दिया है, क्योंकि कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र मालवीय की शाजापुर जिले में राजनीतिक पहचान नहीं है. उनकी पहचान उनके पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री राधाकिशन मालवीय के पुत्र के रूप में है. यही कारण है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच अपनी पहचान बनाना कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र मालवीय के लिए चुनौती होगा. क्योंकि देवास संसदीय क्षेत्र में राजेंद्र मालवीय का राजनीतिक दखल नहीं रहा है. अचानक उनके नाम का ऐलान कर कार्यकर्ताओं पर थोप दिया गया है.

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