बकवास ड्राफ्ट पॉलिसी पेश करने पर सरकार ने मांगी माफी

साइलेंट किलर बोरवेल मामले में

 

जबलपुर। बोरवेल के संबंध में सरकार के द्वारा पेश की गयी ड्राफ्ट पॉलिसी पर हाईकोर्ट ने जमकर नाराजगी व्यक्त की थी। हाईकोर्ट ने ड्राफ्ट तैयार करने वाले अधिकारी का नाम 24 घंटों में कोर्ट को बताने के आदेश जारी किये थे। याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर सरकार की तरफ से माफी मांगते हुए नया ड्राफ्ट तैयार करने दो सप्ताह का समय प्रदान करने का आग्रह किया। चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने सरकार के रवैये पर जमकर नाराजगी व्यक्ति की।

गौरतलब है कि सीहोर जिले के ग्राम मुंगावली में विगत 6 जून को तीन साल की मासूम सृष्टि खेलते समय खेत में खुले हुए बोरवेल के अंदर गिर गयी थी। बच्ची बोरवेल में 40 फीट अंदर जाकर फंस गयी थी। उसे बचाने के लिए रोबोटिक विशेषज्ञों, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ कर्मियों की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन प्रारंभ किया था। रेस्क्यू में इस्तेमाल की जा रही मशीनों के कंपन के कारण वह 100 फीट गहराई तक चली गयी थी। रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग 50 घंटे तक चला और उसे बेहोशी की हालत में बाहर निकाला गया। उसे उपचार के लिए ले जाया गया और डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

संज्ञान याचिका में कहा गया था कि बच्चों को जिंदा दफन करने वाले किलर बोरवेल का जाल बन गया है। बोरवेल दुर्घटनाएं हमारे समाज के लिए काली छाया हैं। जिससे निर्दाेष लोगों की जान को गंभीर खतरा होता है। ऐसी घटनाओं से पूरे देश व परिवारों को असहनीय पीड़ा देती है। भूजल तक पहुँचने के लिए मूल्यवान संसाधन बोरवेल साइलेंट किलर बन गए हैं। बोरवेल में दुर्घटनाएं आमतौर पर लापरवाही, जागरूकता की कमी और अपर्याप्त सुरक्षा उपाय के कारण होती हैं।

सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से पेश की गयी ड्राफ्ट पॉलिसी का अवलोकन करने के बाद युगलपीठ ने जमकर नाराजगी व्यक्त की। युगलपीठ ने कहा कि इस तरह की ड्राफ्ट पॉलिसी उन्होंने कभी देखी नहीं है। युगलपीठ ने 24 घंटों में ड्राफ्ट पॉलिसी तैयार करने वाले अधिकारी का नाम बताने के निर्देश दिये थे। याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने माफी मांगते हुए नयी ड्राफ्ट पॉलिसी तैयार करने दो सप्ताह का समय प्रदान करने आग्रह किया। युगलपीठ ने कहा कि सरकार बच्चों की मौत के संवेदनशील मामले में भी लापरवाह है। मुख्य सचिव के हस्ताक्षर से पॉलिसी पेश की गयी थी। कोर्ट मित्र अधिवक्ता अंशुमान ने सुझाव दिया कि वह ड्राफ्ट पॉलिसी तैयार कर सकते हैं। युगलपीठ ने सरकार तथा कोर्ट मित्र अधिवक्ता को दो सप्ताह में अपनी-अपनी ड्राफ्ट पॉलिसी पेश करने के आदेश जारी किये हैं।

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