श्रीनगर, 24 अप्रैल (वार्ता) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष एवं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इंडिया समूह के घोषणापत्र को देखने के बाद हताशा महसूस कर रही है, जिसमें गरीब लोगों, बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों को जोरदार ढंग से उठाया गया है।
अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहीं सुश्री मुफ्ती दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में अपने रोड शो के दौरान मीडियाकर्मियों को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि भाजपा इंडिया समूह के घोषणापत्र पर लोगों का समर्थन देखकर घबरा रही है, जिसमें उन्होंने 30 लाख नौकरियां, महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण और किसानों को ऋण माफी देने का वादा किया है।”
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा भारत गठबंधन के घोषणापत्र की आलोचना कर रही है, उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने पिछले 70 वर्षों के दौरान पहली बार जन समर्थक घोषणापत्र जारी किया है जिसमें गरीबों, बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों को उठाया गया है और इतने अच्छे घोषणापत्र के साथ भाजपा और इसके नेता घबराहट महसूस कर रहे हैं, इसलिए हताशा में हिंदू-मुस्लिम कार्ड खेल रहे हैं।”
एक अन्य सवाल के जवाब में पीडीपी अध्यक्ष ने कहा, “मैंने नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) की आलोचना नहीं की है। मैंने सिर्फ इतना कहा कि यह नेकां और पीडीपी के बीच की लड़ाई नहीं है। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के अस्तित्व की लड़ाई है। अगर हमने समझदारी से ऐसी आवाज संसद में नहीं भेजी, जो बिना किसी डर के वहां अपनी बात रखे तो हमारा अस्तित्व खतरे में है।”
सुश्री मुफ्ती ने नेकां, कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और अन्य दलों से उनका समर्थन करने का आग्रह किया। उन्होंने दावा किया कि पहाड़ी, गुजर और बकरवाल भी इस बार पीडीपी को अपना समर्थन दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव बिजली या स्थानीय मुद्दों के लिए नहीं लड़ा जा रहा है, बल्कि एक आवाज संसद तक पहुंचनी चाहिए, जो जम्मू-कश्मीर के मूक और परेशान लोगों की आवाज उठा सके।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के लोग समझ गये हैं कि एक आवाज संसद तक पहुंचनी चाहिए जो उनकी आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए बिना किसी डर के मुद्दों पर बात करेगी।”