मुरैना: गांधीवादी विचारक डॉ. एसएन सुब्बाराव का निधन हो गया. वो 93 साल के थे और बीते छह दिनों से वो हॉस्पिटल में इलाजरत थे. शाम को हार्ट अटैक आने के बाद उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गयी थी. श्रमदान के लिए मशहूर इस गांधीवादी नेता का मध्य प्रदेश के मुरैना से खास लगाव रहा है. उन्होंने मुरैना में 672 डकैतों का आत्मसमर्पण कराया था. युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत माने जाने वाले डा. एसएन सुब्बाराव मूल रूप से कर्नाटक के रहने वाले थे.
चम्बल को दस्यु मुक्त करने में डॉ. एस एन सुब्बाराब का बड़ा योगदान रहा है. उन्होंने एक साथ 672 डकैतों का समर्पण कराया था. गांधीवादी विचारों को स्थापित करने के लिए उन्होंने 1954 में चंबल में कदम रखा था. शांति के प्रेरक डॉ. सुब्बाराव ने चंबल घाटी में डाकू उन्मूलन के लिए वर्षा काम किया था. वो निरंतर डकैतों के संपर्क में रहे और उनका ह्दय परिवर्तन कराने में सफल रहे.
चंबल घाटी शांति मिशन के तहत उन्होंने बड़ी संख्या में डकैतों का एक साथ समपर्ण कराया था. जौरा के गांधी सेवाश्रम में आयोजित सरेंडर कार्यक्रम में उनसे प्रेरित होकर मौहर सिंह और माधौ सिंह जैसे बड़े डकैतों ने हथियार डाल दिये थे. महज 13 साल की उम्र में वे आजादी के आंदोलन से जुड़ गए थे.