एक करोड़ से अधिक के भ्रष्टाचार से जुड़े दस्तावेज हो गए गायब

मामला पीडब्ल्यूडी विद्युत यांत्रिकी कार्यालय का

रीवा: लोक निर्माण विभाग विद्युत यांत्रिकी संभाग रीवा के प्रभारी कार्यपालन यंत्री द्वारा किये गये भ्रष्टाचार की जांच रिपोर्ट गायब हो गई है. जांच के बाद प्रतिवेदन कार्यपालन यंत्री कार्यालय को सौपा गया था. जांच में एक करोड़ से अधिक का भ्रष्टाचार उजागर हुआ था. अब सवाल यह उठता है कि आखिर जांच से जुड़े दस्तावेज कहा गायब हो गए. आरटीआई में पूरे मामले का खुलासा हुआ.लोक निर्माण विभाग विद्युत यांत्रिकी संभाग रीवा के प्रभारी कार्यपालन यंत्री द्वारा वर्ष 2017 में नियम विरुद्ध किए गए 1 करोड़ रुपए के 771 जॉब आर्डर की शिकायत के बाद जांच का जिम्मा आरईएस के अधीक्षण यंत्री को सौंपा गया था.

एसईआरईएस द्वारा की गई जांच का प्रतिवेदन भी कार्यपालन यंत्री ऑफिस में सौंपा गया. फर्जीवाड़े की जांच रिपोर्ट में क्या खुलासा हुआ, इसके दस्तावेज ही गायब कर दिए गए हैं. दरअसल वर्ष 2017 में तत्कालीन कार्यपालन यंत्री के अवकाश पर जाने के बाद एसडीओ विनय श्रीवास्तव को कार्यपालन यंत्री का प्रभार दिया गया था जो 9 मई 2017 से 25 मई 2017 तक प्रभारी कार्यपालन यंत्री रहे. इस दौरान 20 दिन में उन्होंने 9 हजार से लेकर 30 हजार तक के तकरीबन एक करोड़ रुपए के 771 जॉब आर्डर (वर्क) जारी किए जाने का आरोप लगा था. जिसकी शिकायत के बाद इसकी जांच का जिम्मा अधीक्षण यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा रीवा मण्डल को दी गई. जिन्होंने यह जिम्मेदारी अधीनस्थ कार्यपालन यंत्री संभाग क्र. 1 रीवा को सौंपी थी.
पूरे मामले का आरटीआई से हुआ खुलासा
पीडब्ल्यूडी विद्युत यांत्रिकी के कार्यपालन यंत्री विनय श्रीवास्तव द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच की प्रमाणित प्रति के लिए आरटीआई लगाई गई. जिसमें चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. बताया गया है कि कार्यपालन यंत्री आरईएस द्वारा जो जांच रिपोर्ट सौंपी गई थी, वह कार्यालय से ही गायब है. अब सवाल यह उठता है कि कार्यालय से दस्तावेज कैसे गायब हो गए. अगर गायब हुए तो इसकी भी आगे कार्यवाही क्यो नही की गई. मतलब साफ है कि पूरे दस्तावेज जानबूझ कर गायब कराये गये है.
खेल किया जाता है रिपेयरिंग के नाम पर
पीडब्ल्यूडी विद्युत यांत्रिकी संभाग रीवा में रिपेयरिंग के नाम पर बड़ा खेल होता है. यहां पर कार्यपालन यंत्री अपने चहेतों को इलेक्ट्रिकल जॉब वर्क के नाम पर कार्य आवंटित कर देते हैं. वर्क ऑर्डर दिए जाने के बाद भले ही काम न होता हो परंतु एक लम्बा बिल लगाकर भुगतान किया जाता है. लोक निर्माण विभाग विद्युत यांत्रिकी संभाग रीवा के प्रभारी कार्यपालन यंत्री विनय श्रीवास्तव के खुद की फर्म यश इलेक्ट्रिकल के नाम से है. जिसका बिल लगाकर छोटे वर्क ऑर्डर का पेमेंट करते हैं. इतना ही नहीं पीडब्ल्यूडी विद्युत यांत्रिकी शहर संभाग रीवा के अंतर्गत उप संभाग सतना में अरुण कुमार शुक्ला अनुविभाग अधिकारी हैं जो विनय श्रीवास्तव से सीनियर हैं. बावजूद ये प्रभारी कार्यपालन यंत्री बने हुए हैं

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