दो माह का कॉल ऑफ देने पर अंतरिम रोक, अनावेदकों से मांगा जवाब
जबलपुर: मप्र हाईकोर्ट से सीहोर जिले में पदस्थ होमगार्ड सैनिक को राहत मिली है। जस्टिस एसए धर्माधिकारी व जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने उन्हें दो माह का काल आफ देने पर अंतरिम रोक लगाते हुए उन्हें सेवा में बने रहने की अनुमति दी है। इसके साथ ही न्यायालय ने डीजी होमगार्ड व अन्य को नोटिस जारी कर पेश करने के निर्देश दिये है।सीहोर निवासी गंगाराम उइके की ओर से अधिवक्ता आशीष मिश्रा ने पक्ष रखा।
उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता को दो माह का काल आफ दिया गया है। उन्होंने बताया कि शासन ने संशोधन के जरिए एक साल में दो माह के काल आफ को बदलकर तीन साल में दो माह का काल ऑफ कर दिया है। वर्ष 2010 में होमगार्ड सैनिकों द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियमितीकरण, आरक्षकों के समान वेतन, पूरे वर्ष कार्य प्रदान करने एवं अन्य लाभ देने की प्रार्थना की गई थी। वर्ष 2011 में हाईकोर्ट द्वारा आंशिक रूप से स्वीकार कर मध्य प्रदेश शासन को आदेशित किया था कि वे होमगार्ड की सेवा नियम बनाये एवं उन्हें पूरे वर्ष कार्य पर रखा जाए। इसका पालन नहीं होने पर अवमानना याचिका दायर हुई थी। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये।