दर्शन पूजन के नाम पर करते थे डिमांड

पांच आरोपियों के खिलाफ मिला एक दिन का रिमांड

श्रद्धालुओं की आस्था को पहुंची ठेस, महाकाल थाना पुलिस ने आरोपियों को किया कोर्ट में पेश

मोबाइल चैट, अकाउंट खंगालने के बाद आगे बढ़ेगी कार्रवाई

मठाधीशों और मंदिर से जुड़े महाराज के माथे पर चिंता की लकीरें

उज्जैन:शुक्रवार को महाकाल थाना पुलिस ने न्यायालय में जिन पांच आरोपियों को पेश किया था उनके खिलाफ एक दिन का पुलिस रिमांड दिया गया है, अब पुलिस इनसे पूछताछ करेगी, बैंक खाते खंगालेगी और मोबाइल चेट से लेकर अन्य जांच पड़ताल करेगी.दरअसल महाकाल थाना पुलिस, जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन के निर्देश पर मंदिर में किए गए गबन घोटाले पर लगातार जांच कर रही है. ऐसे में 6 कर्मचारी को पूछताछ के लिए बुलाया था, उसमें से 5 को राउंडअप करके एफआईआर दर्ज की गई और शुक्रवार को इन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से आज शाम 4 बजे तक का रिमांड न्यायालय से मिला है. महाकाल मंदिर में दर्शन पूजन जलाभिषेक भस्म आरती और होटल में ठहराने के नाम पर देशभर से आए श्रद्धालुओं के साथ उज्जैन में मंदिर से ही जुड़े अधिकारी, कर्मचारी, पुजारी प्रतिनिधियों से लेकर अन्य जिम्मेदारों द्वारा जिस प्रकार से राशि वसूली जा रही थी, उसको लेकर 19 दिसंबर से शुरू हुई जांच अब तक चल रही है. कड़ी से कड़ी जुड़ते हुए अब तक 10 आरोपी हिरासत में लिए जा चुके हैं. इनमें से कुछ को निलंबित कर दिया है कुछ को बर्खास्त कर दिया है और महाकाल मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ को हटा दिया है.

मोबाइल पर ट्रांजेक्शन सामने आए
महाकाल क्षेत्र के सीएसपी ओपी मिश्रा ने बताया कि, आरोपी विनोद चौकसे और राकेश श्रीवास्तव के मोबाइल पर कुछ ट्रांजेक्शन सामने आए. ये ट्रांजेक्शन जिला प्रोटोकॉल प्रभारी अभिषेक भार्गव, सभा मंडपम प्रभारी राजेंद्र सिसौदिया, आइटी सेल के राजकुमार सिंह और भस्म आरती प्रभारी रितेश शर्मा सहित क्रिस्टल कंपनी के जितेन्द्र पंवार और ओमप्रकाश माली के साथ मिले. इसी आधार पर 6 और कर्मचारियों को राउंडअप कर केस दर्ज किया.

जांच दल को बड़ी मछली की तलाश
इस पूरे घटनाक्रम में नवभारत को जानकारी मिली कि जिला प्रशासन के एक बड़े अधिकारी को देवास गेट सरदारपुर क्षेत्र में एक कार्यालय पर तलब किया गया था, यहां पर काफी देर तक बंद कमरे में गहमागहमी चली, इस दौरान तीखी बहस भी हुई. दरअसल महाकाल मंदिर से जुड़े एक अधिकारी के संबंध में बातचीत चल रही थी, बाद में जैसे तैसे मामला निपटा और यह तय किया गया कि कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए उन बड़ी मछलियों तक पहुंचना है जो इस पूरे कोटि तीर्थ के तालाब को गंदा कर रही है. अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि जांच सही दिशा में चलेगी, और जो भी दोषी हैं उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, इसके बाद मंदिर से जुड़े बड़े महाराज और अन्य मठाधीशो के माथे पर चिंता की लकीरें हैं.

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