सुबह 9 बजे बाद अंदर जल पात्र हटा देना चाहिए
ओंकारेश्वर:सभी सामग्री प्रवेश द्वार पर ले लेना चाहिए जो बाद में ज्योतिर्लिंग पर अर्पित हो जाये जैसा की 2016 के कुम्भ पर्व के समय तत्कालीन कलेक्टर एम पी अग्रवाल ने किये थे।
5 जनवरी तक कुम्भ जैसी भीड़ रहेगी.ट्रस्ट एवं एसडीएम द्वारा मंदिर के दोनों और के पुलों से स्टील की रेलिंग लगाकर भक्तों को आने की व्यवस्था की है बहुत ही अच्छी है इसकी सभी भक्तों ने तारीफ करी और लाइन से बाहर निकालने की व्यवस्था भी दरवाजे के द्वारा बनाई गई है जिससे कोई भक्त है यदि रेलिंग से बाहर निकलना चाहता है या कोई आवश्यक सहायता चाहिए तो दीं जा सकती है।
प्रातः मंगला आरती के बाद ट्रस्ट का कोई जवाबदार और अधिकार प्राप्त व्यक्ति अधिकारी नहीं रहने से सुबह 9:00 बजे तक अव्यवस्थाएं रहती हैं उसमें कर्मचारी भी व्यवस्था नहीं बना पाते हैं क्योंकि उनको गाइडेंस करने वाला कोई भी जबाबदेह अधिकारी नहीं रहता हैइस पर ट्रस्ट को ध्यान देना चाहिए गर्भ ग्रह में जाने के रास्ते पर अनावश्यक लोगों को खड़े रहने की इजाजत नहीं होनी चाहिए।
ओंकारेश्वर में भक्तो की भीड़ बढ़ती जा रही है ।एस डी एम शिव प्रजापति ने मंदिर में रहकर व्यवस्था सभाली।वी आई पी व्यवस्था बन्द रखी गई इस भीड़ को देखते हुवे ऐसा लग रहा है की शनिवार रविवार और सोमवार सोमवती अमावस्या, 31 दिसंबर और एक जनवरी तक पांच से सात लाख तक भक्तो के आने की संभावना है गर्भ गृह में दर्शन की व्यवस्था से भक्त नाराज होकर निकलता है निकासी सर अंदर प्रवेश पर सख़्ती से रोक लगना चाहिए।
दिव्यांग गेट को खोला जाना चाहिए जिससे उन्हें सरलता से दर्शन हो सके गर्भ गृह में धक्का मुक्की होना आम बात हो गई है लाइन से दर्शन कराने की कोई व्यवस्था नहीं है भीड़ को देखते हुवे मध्यन्ह भोग के बाद व्यवस्था में बदलाव करते होवे केवल दर्शन करवाये जाये इस को लागु कऱने के लिए सख़्ती होना चाहिये श्री गणेश द्वार से चांदी गेट की दीवाल तक दक्षिण तरफ पाइप हटाकर 8 फिट ऊँची स्टील रेलिंग मार्केट जैसी जिसमे गेट हो लगवा देना चाहिए गेटो पर ताले हो जरूरत पड़ने पर खोल सके। कई लोग अभी लगे पाइप को उलंग कर निकासी से गर्भ गृह में चले जाते है।
सुखदेव मुनि गेट से गर्भगृह में आने वाले भक्त एक लाइन से बाएं हाथ पर रेलिंग के अंदर चलें चांदी गेट से आने वाले भक्त इस लाइन में नहीं मिले इसके लिए रेलिंग से बन्द कर दिया जाये।
चांदी गेट से आने वाले भक्त दो लाइन में रेलिंग के अंदर चलकरज्योतिर्लिंग के दर्शन कर निकासी से बाहर होते जाएं।इस तरह तीन रेलिंग लगाकर तीनh लाइन की व्यवस्था दर्शन करने के लिए गर्भ ग्रह में की जाना चाहिए जिससे धक्का मुक्की नहीं होगी और लाइन बनाकर यात्री दर्शन करता हुआ बाहर हो जाएगा।