परिषदीय बैठक में फिर सामने आई तीखी नोक-झोंक
सतना:नगर निगम सभागर में मंगलवार को आयोजित समान्य सम्मिलन की बैठक खासी हंगामेदार नजर आई. विभिन्न विकास कार्यों से संबंधित बजट को केवल सडक़ बनाने पर खर्च किए जाने का आरोप लगाते हुए कुछ पार्षदों ने तीखा विरोध जताया. हलांकि परिषद अध्यक्ष व महापौर द्वारा पार्षदों के आरोपों को नकारने का प्रयास किया जाता रहा. लेकिन इसके बावजूद भी विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामा होता रहा.मंगलवार को नगर निगम सभागार में अध्यक्ष राजेश चतुर्वेदी, महापौर योगेश ताम्रकार, निगमायुक्त शेर सिंह मीणा, ननि के अधिकारी-कर्मचारी और वार्ड पार्षदों की उपस्थिति के बीच आरंभ हुई.
नगर निगम परिषद की बैठक आरंभ होने पर भाजपा पार्षद नम्रता सिंह और निर्दलीय पार्षद मीना माधव ने आरोप लगाते हुए कहा कि नगर निगम में शहर के विभिन्न विकास कार्यों के लिए को उपलब्ध बजट को केवल सडक़ निर्माण में ही खर्च कर दिया जा रहा है. लेकिन इसके बावजूद भी शहर में सीवर लाइन का बेतरतीब कार्य और घटिया स्तर के रेस्टोरेशन की समस्या से बाजार क्षेत्र सहित समूचे नगरवासी बुरी तरह परेशान हो चुके हैं. नगर निगम का अतिक्रमण दस्ता कितनी तत्परता से कार्य कर रहा है इसे शहर में जगह-जगह मौजूद अतिक्रमण के जरिए आसानी से समझा जा सकता है.
इसी कड़ी में जब मकर संक्रांति मेला क्षेत्र में दुकानदारों का शुल्क बढ़ाए जाने से संबंधित प्रस्ताव सामने आया तो पार्षद मीना माधव ने विरोध जताया. वहीं पार्षद नम्रता सिंह ने कहा कि हिंदुओं के त्योहार पर दुकान का किराया बढ़ाया जाना गलत है. इसके बाद एक बार फिर से पार्षदों के तीखे तेवर तब सामने आए जब 5 करोड़ के मद का हाकर्स कार्नर, फुटपाथ, निगम कर्मचारी के आवासीय क्वार्टर निर्माण हेतु आवङ्क्षंटत बजट को सडक़ निर्माण में दिए जाने का मुद्दा उठा. पार्षद नम्रता सिंह ने कहा कि हाकर्स कार्नर, पार्किंग स्पॉट का निर्माण करने से अतिक्रमण काफी हद तक सुधर जाएगा और गरीबों को व्यवस्थित रोजगार भी मिल जाएगा. यदि फण्ड ट्रांसफर इतना ही आवश्यक है तो अगले बजट में इसके लिए अलग से प्रावधान किया जाए. इसके साथ ही यह भी सुनिश्चत किया जाए कि 5 करोड़ के बजट का बंटवारा शहर के 35 वार्डों में बराबर हो. न कि इसका उपयोग अपने पसंदीदा पार्षदों को उपकृत करने के लिए किया जाए.
रेस्टोरेशन में 20 करोड़ खर्च हुए
परिषदीय बैठक में महापौर श्री ताम्रकार ने जानकारी देते हुए बताया कि शहर में 492 में से 350 किलो मीटर सीवर लाइन का कार्य पूरा हो चुका है. रेस्टोरेशन का कार्य उसमें शामिल नहीं था. बजट प्राप्त होने पर और परिषद की अनुमति मिलने के बाद 20 करोड़ रु की राशि रेस्टोरेशन कार्य में खर्च हो चुकी है. चूंकि अब यह राशि समाप्त हो चुकी है. लिहाजा इस बजट में फिर से 5 करोड़ की राशि का समायोजन किया जा रहा है. जिसके लिए परिषद की अनुमति आवश्यक है