कुक्षी: दो वर्ष पहले क्षेत्र के चर्चित एवं पहली बार नकली नोट छापकर मार्केट में चलाने के मामले में आरोपी विनोद पिता हीरालाल मोर्य निवासी रणगांव व मगन पिता शंकर जामोद निवासी फिफेड़ा को 10-10 वर्ष के कारावास और 15 हजार रूपये के अर्थ दंड से अपर सत्र न्यायाधीश अंबुज पांडे ने दण्डित कीया. डही थाना अंतर्गत 4 नवंबर 22 को मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने आरोपी विनोद नकली नोट लेकर ड़ही आने की सूचना मिलने पर पुलिस ने घेराबंदी कर मुखबिर द्वारा बताए हुलिये का व्यक्ति आते दिखा और पुलिस को देखकर भागने लगा तो पुलिस ने घेराबंदी कर उसे पकड़ लिया।
जब उसकी तलाशी ली तो उसकी पेंट की जेब से 100-100 रुपए के 70 नोट विभिन्न सीरीजों के निकले जो देखने पर ही नकली जैसे लग रहे थे, जब आरोपी से पूछताछ की तो उसने बताया कि आरोपी मगन ने यह नोट मार्केट में चलने के लिए ₹1000 में 70 नकली नोट दिए हैं, पुलिस जब मगन के घर से गिरफ्तार कर उसके घर ग्राम फिफेड़ा में तलाशी ली तो वहां पर कलर प्रिंटर, पेपर के बंडल, पेपर कटर, एक तरफ छपे हुए नकली नोट, अलग-अलग सीरीज के स्टील की स्केल पांच सौ दोसों व 20 के कई नकली नोट विभिन्न सीरीज के मिले तथा नकली नोट छापने की सामग्री भी मिली जिसे पुलिस ने जप्त कर नकली नोट जांच के लिए नोट मुद्रणालय देवास जांच हेतु भिजवाए थे। जिसकी जांच रिपोर्ट में सभी नकली नोट पाए गए, आरोपी गण के विरुद्ध प्रकरण थाना डही में पंजीबद्ध होकर विवेचना अधिकारी सुखदेव अलावे ने विवेचना की.अभियोजन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक आर.के.गुप्ता द्वारा पैरवी की गई।