करोड़ों खर्च फिर भी टूटी सड़कों पर चल रहे लोग
सड़क को बनाने की लागत 30.32 करोड़ रुपए
सड़क की लंबाई 2.21किमी
साथी फुटपाथ, स्ट्रीट लाइट
एवं अंडरग्राउंड इलेक्ट्रिफिकेशन केबल का हुआ कार्य
जबलपुर: जिला एवं सत्र न्यायालय से संयुक्त संचालक कार्यालय, जबलपुर तक स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत बनाई गई सड़क के धुर्रे उड़ना शुरू हो गए हैं। इस सड़क की लंबाई तकरीबन 2.20 किमी है। जिसको आसपास के हरे भरे पेड़ों को काटकर बनाया गया था। वैसे तो स्मार्ट सिटी द्वारा शहर में विकास के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि यह वादे कुछ ही समय के अंदर खोखले साबित होने लगते है। स्मार्ट सिटी द्वारा इस सड़क का निर्माण लगभग 30.32 करोड़ की लागत से किया किया गया था। जहाँ पर अब सिर्फ बरबादी के निशान नजर आ रहे हैं। सड़क के निर्माण के साथ-साथ इसमें फुटपाथ, स्ट्रीट लाइट एवं अंडरग्राउंड इलेक्ट्रिफिकेशन ओ.एफ.सी केबल का भी निर्माण कार्य जुड़ा हुआ था। और जंगली झाड़ियों से भरे डिवाइडर रुपयों की बर्बादी की गवाही दे रहे हैं। टूटी हुई सड़क, कचरे से भरे डिवाइडर और फुटपाथ को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां पर कभी सफाई नहीं की जाती है।
नहीं लगे पौधे
करोड़ों रुपए खर्च करके बनाए गए डिवाइडर और रोटरी में पौधा रोपण नहीं किया गया है। जिसके चलते यहां पर जंगली झाड़ियां उग आई है। जो देखने में बेहद ही खराब नजर आती हैं। रहवासी इलाका होने के बाद भी यहां पर सिर्फ डिवाइडरों में मिट्टी डालकर छोड़ दिया गया है।
झाड़ू फेरने का कोई प्रावधान नहीं
स्मार्ट सिटी द्वारा बनाई गई इस सड़क के फुटपाथ का हाल यह है कि यहां पर कभी कभार ही झाड़ू लगाई जाती है। रोजाना झाड़ू नहीं लगने के कारण यह फुटपाथ और सड़के कूड़े कचरे और पन्नियों से दूषित हो रही है। यह सड़क बस बारिश के पानी से ही साफ हो पातीं है। फुटपाथ के किनारे सीवर लाइन के गड्ढों की मिट्टी भी गायब होती जा रही है।
क्या मतलब ऐसे विकास का
शहर में करोड़ों रुपए खर्च कर विकास किया जाता है। लेकिन यह विकास के प्रोजेक्ट कुछ ही सालों में अपना असली रूप दिखा देते हैं। ऐसा लगता है मानो यह सब वापस बनाने के लिए ही खराब गुणवत्ता का मटेरियल उपयोग में लाया जाता है। उच्च न्यायालय के आसपास का इलाका ऐसा है जहां पर मध्य प्रदेश के दूसरे शहरों से भी लोग आकर लोग रुकते हैं। ऐसे में लोगों का कहना है कि स्मार्ट सिटी को शहर के विकास कार्यों पर ध्यान देना चाहिए। और उच्च क्वालिटी के मटेरियल का उपयोग करना चाहिए।
इनका कहना है
इस सड़क को मैं इंजीनियर द्वारा दिखवाता हूं। सड़क पर जहां भी रिपेयरिंग होनी होगी इसको हम जरूर करवाएंगे।
रवि राव, प्रशासनिक अधिकारी, स्मार्ट सिटी