भोपाल, 24 दिसंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के राज्य में “परिवहन टोल बैरियरों पर वसूली” संबंधी बयान पर आज कटाक्ष किया है।
श्री पटवारी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट में लिखा है, “जनता आपकी आभारी है, माननीय मुख्यमंत्री जी! आपने ‘कठोर’ कार्रवाई की, शायद तभी सोने, चांदी, नगदी का करोड़पति कांस्टेलब “करप्शन किले” से बाहर आ गया! सोचिए, जब आप ‘अति कठोर’ कार्रवाई करेंगे, तो क्या होगा! फिर ‘अति-अति’ तक जाएंगे, तब तो शायद परिवहन के किले में करप्शन की कयामत ही आ जाएगी! लेकिन, क्या आप कार्रवाई करेंगे?” श्री पटवारी ने परिवहन विभाग के पदों के क्रमों का जिक्र करते हुए लिखा है, “डॉ मोहन यादव जी, ऐसे बयान मत दीजिए कि करप्शन करने वालों को भी गुस्सा आ जाए। वे कहने लग जाएं कि ‘हम साथ साथ हैं।’”
इसके पहले कल रात विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने भी इस मामले को लेकर सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि अपने बयान के जरिए मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया है कि टोल नाकों पर अवैध वसूली होती थी। “सौरभ शर्मा कांड” ने इसकी पुष्टि भी कर दी है। उन्होंने कहा कि भले ही मुख्यमंत्री ने नाके बंद करवा दिए हों, लेकिन वसूली बंद हो गयी है, यह दावा सही नहीं है। श्री सिंघार ने लिखा है, “अभी मप्र में राम राज्य नहीं आया है और न भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है। पर आपने अपनी ही पार्टी की पुरानी सरकार के समय के भ्रष्टाचार को स्वीकारा, ये भी बड़ी बात है।”
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने सोमवार को अपने बयान में कहा था कि सरकार बनने के साथ कई कठोर निर्णय किए गए, उनमें से एक टोल बैरियरों पर वसूली बंद करने का था। डॉ यादव ने कहा था कि सरकार ने टोल पर आने वाली शिकायतोंं से भी कठोरता से निपटने का निर्णय किया। राज्य सरकार भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करने और सुशासन के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए हर स्तर पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
भोपाल में लोकायुक्त पुलिस ने पिछले दिनों परिवहन विभाग के एक पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की है। इस दौरान दो करोड़ 85 लाख रुपए नगद के अलावा लगभग करोड़ों रुपए मूल्य के सोने, चांदी के गहने और अनेक अचल संपत्ति में निवेश संबंधी दस्तावेज जप्त किए हैं। इसके साथ ही विगत 20 तारीख को भोपाल के समीप सुनसान इलाके में एक कार से लगभग 52 किलो सोना और नौ करोड़ रुपयों से अधिक की नगदी मिलने का सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद आयकर विभाग ने इस मामले में पड़ताल शुरू कर दी है। जप्त सोने की कीमत 40 करोड़ रुपयों के आसपास आंकी गयी है। यह सोना और नगदी सौरभ शर्मा के सहयोग चेतन गौड़ की कार में मिला था और आयकर विभाग ने चेतन के बयान भी दर्ज किए हैं। यह सोना और नगदी भी सौरभ शर्मा का ही माना जा रहा है।
इस बीच राजधानी भोपाल के एक बड़े कारोबारी राजेश शर्मा और उसके सहयोगियों के भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में 50 से अधिक ठिकानों पर आयकर विभाग की छापे की कार्रवाई के दौरान दस करोड़ रुपए नगद के साथ ही अरबों रुपयों की संपत्ति संबंधी दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा राज्य की लोकायुक्त पुलिस द्वारा परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों पर की गयी छापे की कार्रवाई चर्चा में है। आरोपी सौरभ शर्मा परिवहन विभाग में आरक्षक के पद पर कार्यरत था। कुछ समय पहले वह सरकारी सेवा छोड़कर निजी कारोबार में लग गया। इन आरोपियों के कथित रसूखदार लोगों से भी संपर्क की जानकारी सामने आयी है। इसके बाद से ही कांग्रेस लगातार संबंधित मामलों को लेकर भारतीय जनता पार्टी सरकार पर हमलावर है। राजेश शर्मा मामले में राज्य के एक पूर्व मुख्य सचिव का नाम भी सामने आया है।