श्रीनगर (वार्ता) जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कश्मीर घाटी में जारी भीषण शीतलहर के बीच बिजली-पानी की आपूर्ति स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
श्री उमर ने घाटी में बिजली की कमी को दूर करने और निवासियों के लिए पर्याप्त आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी उपायों की आवश्यकता पर बल दिया।
कश्मीर घाटी में लंबे समय से पड़ रही कड़ाके की ठंड और शुष्क मौसम के बीच बिजली और पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे लोगों का जीवन दयनीय हो गया है।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने बिजली की चरम मांग के प्रबंधन के लिए एक व्यापक रणनीति पर चर्चा की और अधिकारियों को भीषण सर्दियों के मौसम के दौरान विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में दक्षता बनाए रखने का निर्देश दिया।
उन्होंने विद्युत विकास विभाग (पीडीडी) को निर्धारित कटौती कार्यक्रम का सख्ती से अनुपालन करने तथा नियोजित विद्युत कटौती का समुचित प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने का निर्देश दिया ताकि उपभोक्ताओं को पहले से सूचित किया जा सके।
श्री उमर को घाटी में वर्तमान विद्युत स्थिति जिसमें लोड कटौती योजना (एलसीपी) तथा मांग बनाम खपत के आंकड़े शामिल हैं के बारे में जानकारी दी गई। इस बात पर प्रकाश डाला गया कि पिछले वर्ष की तुलना में विद्युत आपूर्ति में 7-8 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद अत्यधिक ठंड के कारण लोड प्रोफाइल में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है जो उपलब्ध संसाधनों से अधिक है।
बैठक में बताया गया कि पनबिजली संयंत्रों में न्यूनतम जल निर्वहन के कारण रिकॉर्ड-कम विद्युत उत्पादन के कारण यह स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को मांग-आपूर्ति के अंतर को कम करने के लिए विभाग द्वारा किए जा रहे हस्तक्षेपों से भी अवगत कराया। बताया गया कि बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए पिछली सर्दियों से पर्याप्त क्षमता वृद्धि की गई है।
उन्होंने अधिकारियों को फीडरों के नुकसान प्रोफाइल के आधार पर लोड कटौती कार्यक्रम को युक्तिसंगत बनाने तथा विद्युत आवंटन बढ़ाने के विकल्प तलाशने का निर्देश दिया।
श्री उमर ने कानून का पालन करने वाले उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करते हुए सभी को बिजली उपलब्ध कराने में समानता के महत्व पर भी जोर दिया लेकिन यह सुनिश्चित किया कि आम जनता को पर्याप्त बिजली आपूर्ति उपलब्ध हो, खासकर इस भीषण ठंड के मौसम में।