पुलिस जब्ती में खड़ी बस हाईवे पर दौड़ रही!

पुलिस की भूमिका संदिग्ध, जिस नंबर की बस थाने में जब्त है, वो हाईवे पर कैसे चल रही …?

 

शाजापुर, 19 दिसंबर. शाजापुर की अजब-गजब पुलिस. बीते दिनों एक बस से दुर्घटना होती है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई. पुलिस ने जिस बस को घटनास्थल से जब्त किया, बस का जो नंबर पुलिस की एफआईआर में दर्ज है, उस नंबर की बस सडक़ पर दौड़ रही है. तो आखिर पुलिस ने कौन सी गाड़ी पकड़ ली और जो गाड़ी थाने में खड़ी है, उसका असली नंबर क्या है.

गौरतलब है कि 15 दिसंबर की रात दुपाड़ा रोड पर नारायणगांव के पास कार और बस की भिड़ंत हुई थी. जिसमें कार में सवार देवेंद्र पिता सरदार सिंह राजपूत की मौके पर ही मौत हो गई थी. घटना की जानकारी लगते ही पुलिस ने घटनास्थल से बस को जब्त कर लालघाटी थाने लाई. जिस बस को पुलिस ने जब्त किया है, उसका नंबर एमपी 13 पी 1240 है, लेकिन एमपी 13 पी 1240 नंबर की बस 18 तारीख तक उज्जैन-शाजापुर रूट पर चलती रही. इसके सीसीटीवी फुटैज टोल टैक्स पर मिल सकते हैं. तो आखिर पुलिस ने जिस बस को जब्त किया है, उसका असली नंबर क्या है. वर्तमान में एमपी 13 पी 1240 बस गांव में खड़ी हुई है, जिसका वीडियो नवभारत के पास मौजूद है. इस वीडियो में बस नंबर एमपी 13 पी 1240 गांव में खड़ी है, जिसे पुलिस लालघाटी थाने में जब्ती बता रही है.

 

पुलिस जिस बस को जब्ती में बता रही है, उस नंबर की बस सडक़ पर दौड़ रही है

 

लालघाटी पुलिस ने 15 दिसंबर को हुई बस और कार की भिड़ंत के बाद जिस बस को जब्त किया था और मामला दर्ज किया था. उस बस का नंबर एमपी 13 पी 1240 है, लेकिन यह बस उज्जैन-शाजापुर रूट पर घटना के दो दिन बाद तक चलती रही और जो बस लालघाटी थाने में जब्त है, उसका नंबर अलग है. सूत्रों के अनुसार लालघाटी थाने में जो बस खड़ी है, उसका नंबर एमपी 42 पी 0652 है. परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस नंबर की गाड़ी का ना तो बीमा है और ना ही फिटनेस है. ना ही परमिट जारी किया गया है. यदि पुलिस बारीकी से जांच करे, तो मामला उजागर हो सकता है.

 

दुर्घटनाग्रस्त बस का बीमा, फीटनेस नहीं होने से बदले है बस नंबर

 

15 दिसंबर को जिस बस से दुर्घटना हुई थी, उस बस का ना तो बीमा था, ना फिटनेस था. इसी को छुपाने के लिए दुर्घटनाग्रस्त बस की नंबर प्लेट बदलकर उज्जैन रूट पर संचालित बस की नंबर प्लेट लगा दी गई. अब नंबर प्लेट कहां बदली गई या बदलवाई गई, इसमें भी पुलिस की भूमिका संदिग्ध है. हो सकता है लेन-देन करके पुलिस ने ही नंबर प्लेट बदलवा दी हो. लेकिन मामला गंभीर होने के कारण इसकी जांच जरूरी है. यदि पुलिस बस का चेचिस नंबर बारीकी से जांच करे, तो फर्जीवाड़ा उजागर हो जाएगा.

 

इनका कहना है

मामले की जांच कराई जा रही है. दुर्घटनाग्रस्त बस के चेचिस नंबर का मिलान किया जा रहा है. जो नंबर जब्ती बस पर डले हैं, उसकी भी जांच की जा रही है.

– अर्जुनसिंह मुजाल्दे, टीआई, लालघाटी

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