कर्ज को लेकर विपक्ष के आरोपों को नकारा देवड़ा ने

भोपाल, 18 दिसंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने आज विधानसभा में राज्य सरकार पर “भारी कर्ज” के विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सभी सरकारें विकास कार्यों के लिए ऋण लेती हैं और हमारी सरकार ने भी यही किया है, लेकिन इस ऋण राशि का उपयोग राज्य और जनता के विकास कार्यों में किया गया है।

श्री देवड़ा ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पहले अनुपूरक बजट पर सदन में चार घंटे से अधिक समय तक चली चर्चा का जवाब दिया। उनके जवाब के बाद बाइस हजार दो चौ चौबीस करोड़ रुपयों से अधिक की धनराशि वाले पहले अनुपूरक बजट काे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इसके पहले अनुपूरक बजट पर सदन में चर्चा दिन में तीन बजे प्रारंभ हुयी, जो देर शाम साढ़े सात बजे बात तक चली। विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने भी राज्य सरकार पर भारी कर्ज को लेकर कठघरे में खड़ा किया और आरोप लगाया कि वास्तव में ऋण राशि का सदुपयोग नहीं हो रहा है। उन्होंने आकड़े देते हुए कहा कि सरकार चुनावों के समय ही ऋण सबसे ज्यादा लेती है। विभिन्न सदस्यों ने भी चर्चा में राज्य सरकार पर ऋण को लेकर काफी बातें कहीं।

वित्त मंत्री श्री देवड़ा ने अपने उत्तर की शुरूआत में ही कहा कि विपक्षी दल के सदस्यों को ऋण को लेकर अपनी जानकारी पुष्ट करना चाहिए। देश विदेश, सभी जगह सरकारें विकास कार्यों के लिए ऋण लेती हैं। हमारी सरकार इस ऋण राशि का उपयोग पूंजीगत कार्यों में करती है, जो प्रदेश के विकास व आर्थिक गतिविधियों को स्थायित्व देती है। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिये लिया गया ऋण, प्रदेश की जनता के विकास के लिये किया गया निवेश है।

उप मुख्यमंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि सरकार के द्वारा ऋण लेने की सीमा का निर्धारण केंद्र सरकार द्वारा किया गया है। हमारी सरकार का हमेशा यह प्रयास रहा है कि ऐसे वित्तीय संस्थान, जो कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराते है, उनसे ऋण प्राप्त किया जाये। इस क्रम में इस वित्त वर्ष में नाबार्ड से “आर.आई.डी.एफ.” के अन्तर्गत लगभग 4 हजार करोड़ रुपए तथा “सिडवी” से लगभग 300 करोड़ रुपए का ऋण प्राप्त करने का प्रयास करेंगे।

श्री देवड़ा ने बताया कि प्रथम अनुपूरक अनुमान में 22 हजार 460 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है, जिसमें राजस्व मद में 13 हजार 130 करोड़ तथा पूँजीगत मद में 9 हजार 330 करोड़ रुपए की राशि है। उन्होंने कहा कि प्रथम अनुपूरक अनुमान में राज्य शासन के लगभग सभी विभागों की आवश्यकताओं का ध्यान रखा गया है। वर्ष 2024-25 का मुख्य बजट माह जुलाई, 2024 में विधानसभा द्वारा पारित किया गया और 01 अगस्त, 2024 से लागू किया गया। मुख्य बजट की विनियोग राशि 3 लाख 65 हजार 67 करोड़ रुपए की थी। संविधान के अनुच्छेद 205 में अनुपूरक अनुमान का प्रावधान है। मुख्य बजट में किये गये प्रावधान के अतिरिक्त आवश्यकताओं की पूर्ति, केन्द्र से वित्त पोषित योजनाओं के लिए आवश्यकता अनुसार प्रावधान आदि के लिए अनुपूरक अनुमान की आवश्यकता होती है।

श्री देवड़ा ने ऋण लेने को पूरी तरह तर्कसंगत बताते हुए कहा कि ऋण के सकल राज्य घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में हम बेहतर राज्यों की गिनती में आते हैं। कुल ऋण को, सकल राज्य घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में अगर देखें तो वर्ष 2023-24 की स्थिति में पंजाब पर लगभग 47 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश पर लगभग 39 प्रतिशत, बिहार पर लगभग 36 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल पर लगभग 37 प्रतिशत, राजस्थान पर लगभग 37 प्रतिशत, आंध्रप्रदेश पर लगभग 33 प्रतिशत का ऋण भार है। जबकि मध्यप्रदेश पर लगभग मात्र 25 प्रतिशत का ही ऋण भार है। उन्होंने कहा कि ऋण के मूलधन व ब्याज की वापसी में भी हमारी सरकार ने कभी कोई चूक नहीं की है। वित्तीय संकेतकों में ब्याज भुगतान की तुलना राजस्व प्राप्ति से की जाती है। हमारे प्रदेश का ब्याज भुगतान, राजस्व प्राप्ति की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत रहा है, जो कि राज्य की ऋण लेने की क्षमता और कुशल वित्तीय प्रबंधन को दर्शाता है।

श्री देवड़ा ने कहा कि सदस्यों ने विपक्ष का कर्तव्य निभाते हुए प्रस्तावों की आलोचना तो की, परन्तु उनके विचारों में भी प्रदेश के विकास व प्रदेश की जनता के कल्याण के भाव मौजूद रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त कि सदन के सभी सदस्यों का प्रदेश के विकास एवं जन-कल्याण कार्यक्रमों के लिए मार्गदर्शन प्राप्त होता रहेगा। उन्होंने कहा कि सदस्यों द्वारा उठाये गये सभी बिन्दुओं पर पूरी गंभीरता से विचार किया जायेगा। हमारी सरकार पूँजीगत मद के व्यय में निरंतर अधिक निवेश करने का प्रयास कर रही है। पूँजीगत मद में निवेश से प्रदेश की आर्थिक गतिविधियां बढ़ती हैं जिससे प्रदेश के विकास के साथ प्रदेश की जनता को भी अधिक सुविधाएं प्राप्त होती हैं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में हमारी सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल उपलब्धिपूर्ण रहा है। इस अवसर पर संपूर्ण प्रदेश में जन-कल्याण पर्व आयोजित है। जन-कल्याण पर्व की अवधि में, सदन में प्रस्तुत प्रथम अनुपूरक अनुमान में सम्मिलित प्रस्ताव, जन-कल्याण पर्व की सार्थकता का प्रमाण है। हमारी सरकार केवल बजट प्रावधान नहीं कर रही है, बल्कि इस प्रावधान के लिए आवश्यक राशि की व्यवस्था भी सुनिश्चित करती है। निरंतर निगरानी एवं प्रदेश सरकार की अनुकूल नीतियों के द्वारा राजस्व आय में वृद्धि के प्रयास निरंतर किये जा रहे हैं। हमारी सरकार के प्रयासों से कल्याणकारी कार्यों के लिए कभी भी धनराशि की कमी की स्थिति नहीं बनी है।

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि अनुपूरक बजट विकास को गति देगा। किसान भाइयों को आर्थिक रूप से मजबूती देगा। महिलाओं को खुशी देगा। युवाओं को हौसला देगा और आम जनता के जीवनयापन को सहज बनायेगा। कुल मिलाकर यह अनुपूरक बजट, समावेशी, प्रगतिशील व भविष्य की सोच का बजट है। हमारी सरकार, रीति से कमाती है, नीति से खर्च करती है। हमारी सरकार बजट के द्वारा प्राप्त राशि को उद्देश्यपूर्ण एवं परिणामजनित उपयोग के लिए कृत- संकल्पित है।

वित्त मंत्री का जवाब प्रारंभ होने के दौरान मुख्य विपक्षी दल के सदस्यों ने सभी सदस्यों को बोलने नहीं देने का आरोप लगाते हुए अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के आसन के समक्ष पहुंचकर नारेबाजी की। कांग्रेस के एक दो सदस्य तो वहीं पर कुछ देर के लिए धरने पर बैठ गए। इसके चलते श्री तोमर ने कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। सदन समवेत होने पर श्री देवड़ा ने अपना जवाब प्रारंभ किया, लेकिन तभी अध्यक्ष की अनुमति के बाद नेता प्रतिपक्ष श्री सिंघार ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले जो अप्रिय स्थिति बनी, उसके लिए वे क्षमा चाहते हैं, लेकिन अब उन्हें विपक्ष के उन सदस्यों की ओर से भी बात रखने का अवसर दिया जाए, जो नहीं बोल पाए। इसके बाद श्री सिंघार ने अपनी बात रखी और विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को सचेत किया। अनुपूरक बजट पर चर्चा की शुरूआत कांग्रेस के श्री हेमंत कटारे ने की। इसके बाद पक्ष और विपक्ष के दो दर्जन से अधिक सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लिया।

 

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