अतिक्रमण की चपेट में उज्जैन-झालावाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग, बना रहता है हादसों का डर
सुसनेर, 17 दिसंबर. उज्जैन-झालावाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग शहरी क्षेत्र में बन तो गया है, लेकिन अब यह भी धीरे-धीरे अतिक्रमण की जद में आने लगा है. वाहन चालक इतने लापरवाह बने हुए हैं कि हाइवे किनारे बेतरतीब तरीके से वाहन खड़े कर हंै, जिसके कारण वाहन की चौड़ाई कम रह जाती है. इस वजह से हर समय हादसे का डर लगा रहा है.
वाहन चालकों की लापरवाही के कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन फिर भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं हैं. इधर, नगरीय क्षेत्र में बनाई गई सर्विस रोड पर दुकानदारों ने कब्जा कर रखा है. ऐसे में दो पहिया से लेकर चार पहिया वाहनों के साथ ही बड़े-बड़े भारी वाहन भी मेन हाइवे किनारे ही खड़े हो रहे हैं, जो हादसों को न्यौता दे रहे हैं. ऐसी ही स्थिति पुराने पेट्रोल पम्प से लेकर मोड़ी चौराहे तक भी बनी हुई है.
कोई रोकने-टोकने वाला नहीं
उज्जैन-झालवाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर शहरी क्षेत्र में मोड़ी चौराहे के समीप, पुलिस थाने के सामने, परसुलिया चौराहे के समीप, त्रिमूर्ति मंदिर के बाहर, कृषि उपज मंडी के बाहर सर्विस रोड को छोडक़र मेन हाइवे पर ही चार पहिया से लेकर भारी वाहन खड़े रहते हैं. जिनको रोकने टोकने वाला कोई नहीं है. इनमें से अधिकांश जगह ऐसी है, जहां पर गैरेज की दुकानें संचालित हैं. जो वाहन खराब हो जाते हैं. उनको ठीक करने का कार्य गैरेज के कर्मचारियों के द्वारा सडक़ पर ही वाहनों को खड़ा करके किया जाता है, जिसके चलते ये वाहन घंटों तक सडक़ पर ही पार्क रहते हैं. इसी वजह से अच्छी खासी चौड़ी सडक़ भी संकरी दिखाई देने लगती है. जब तेज गति से वाहन इस मार्ग से गुजरते हैं, तो हादसे हो जाते हैं.
हादसों का कारण बनते है वाहन
सडक़ किनारे खड़े वाहनों की वजह से पीछे से आने वाले वाहन चालकों को आगे नहीं दिख पाता और दुर्घटना हो जाती है. सडक़ किनारे खड़े वाहनों की वजह से मार्ग आधा घिर जाता है. सडक़ किनारे वाहन खड़े करने पर जुर्माना लगाया जाता है. अगर कोई वाहन सडक़ किनारे खड़ा किया जाता है, तो ट्रैफिक पुलिस और निगम क्रेन से उसे उठाकर थाने ले जाता है. वहां जुर्माना भरने के बाद ही वाहन छोड़ा जाता है, लेकिन नगर में ट्रेफिक पुलिस का अभाव होने के कारण यह कार्रवाई कभी भी शहर में नहीं हो पाई है.