पदोन्नति को अन्य तरीके से भरे जाने को दी गई थी चुनौती
जबलपुर: मप्र हाईकोर्ट ने कंपनी के उस विज्ञापन नोटिस को निरस्त कर दिया जिसके तहत रिक्त पदों पर संविदा आधार पर सेवानिवृत्त अधिकारियों की नियुक्ति की जा रही थी। जस्टिस विवेक जैन की एकलपीठ ने इस संबंध में विस्तृत फैसला सुनाते हुए कहा कि पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों को किसी अन्य मोड से भरना अवैधानिक है। न्यायालय ने कहा कि बाहरी स्रोतों से अधिकारियों की भर्ती करना नियम विरुद्ध है, जिसे वैधानिक नहीं कहा जा सकता।
एमपी विद्युत मंडल अभियंता संघ जबलपुर के महासचिव विकास शुक्ला सहित जबलपुर के कुछ इंजीनियर्स ने पॉवर जेनरेटिंग कंपनी के उक्त विज्ञापन नोटिस को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय के अग्रवाल ने बताया कि कंपनी द्वारा राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) अन्य राज्यों की विद्युत उपयोगिताओं और उपक्रमों के 20 सेवानिवृत्त अधिकारियों को विशेषज्ञ सेवाएंए परामर्श सेवाएं और सलाहकार सेवाएं प्रदान करने के लिए विशेषज्ञों की नियुक्ति कर रही है।
आवेदक संघ की ओर से कहा गया कि उक्त विशेषज्ञों से जो कार्य लिया जाना है, वह विशेषज्ञता या परामर्श की विशेष और अस्थायी आवश्यकता का कार्य नहीं है, बल्कि विद्युत स्टेशनों और पारेषण स्टेशनों में अधीक्षण अभियंताओं और मुख्य अभियंताओं द्वारा किए जाने वाला नियमित कार्य है। न्यायालय को बताया गया कि कंपनी में एसई, सीई जैसे बहुत से उच्च पद रिक्त पड़े हैं। इन पदों को पदोन्नति से भरा जाना चाहिए, लेकिन कंपनी द्वारा आउटसोर्स किया जा रहा है। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये।