हाईकोर्ट ने थाने की सीसीटीवी फुटेज पेन-ड्राइव में प्रस्तुत करने दिये निर्देश
जबलपुर। क्राइम ब्रांच भोपाल द्वारा चार दिन तक एमपी नगर स्थित अपराध शाखा में अवैध रूप में हिरासत में रखकर परिजनों से 18 लाख रुपये परिजनों से मांगे जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। याचिका में कहा गया था कि क्राइम ब्रांच के पुलिस कर्मियों ने लॉकअप में उसे शारीरिक व मानसिक रूप से यातना दी थी। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने अपराध शाखा एमपी नगर भोपाल के पांच दिनों की वीडियो फुटेज पेन ड्राइव में न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिये है। इसके अलावा पुलिस आयुक्त भोपाल को हलफनामा में जवाब प्रस्तुत करने के आदेश भी जारी किये है।
राजस्थान के ग्राम नोखा जिला बीकानेर निवासी छात्र राजा राम की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि 4 दिसम्बर की शाम को वह अपने तीन साथियों के साथ दोस्त के विवाह में शामिल होने जा रहा था। इस दौरान चार सादे कपड़े पहने व्यक्तियों ने उनकी गाड़ी को रूकवाया और जबरदस्ती वाहन क्रमांक एमपी 04 2541 में बैठा लिया। उसके दोस्तों ने घटनाक्रम की कुछ तस्वीरे ली है। वाहन में बैठालकर उसे अगले दिन एमपी नगर भोपाल स्थित अपराध शाखा में लाया गया। रास्ते में चारों व्यक्ति एक दूसरे को दिलीप बॉक्सर, जूबेद पठान, प्रतीक तथा जीतू नाम से संबोधित कर रहे थे। उन्होने रास्ते में शराब पी और उसकी सोने की चैन, अंगूठी, कडा, पर्स व मोबाइल लूट लिये।
अपराध शाखा में उसे 5 दिसंबर से 8 दिसम्बर तक लॉकअप में अवैध रूप से रखा गया और न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया। इस दौरान उसे मानसिक व शारीरिक रूप से यातनाएं देकर प्रताड़ित किया गया। लॉकअप में उसके हाथ-पैर में बेडिया डाल दी गयी थी। इस दौरान उसके तथा दो अन्य मोबाइल फोन पुलिस कर्मियों ने परिजनों से संपर्क कर 18 लाख की अवैध मांग की गयी। उसका रिश्ते का भाई सुखदयाल 8 दिसंबर को एमपी नगर स्थित अपराध शाखा पहुंचा तो पुलिस ने उसे भी लॉकअप में बंद कर दिया था। इसके बाद अगले दिन उसे तथा भाई को पुलिस ने उन्हें रुपये लाने के लिए छोड दिया। छोडने से पहले उन्होने रुपये लाने के संबंध में लिखित अंडरटेकिंग ली और उसका वीडियो भी बनाया। याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया था कि रुपये की मांग करते हुए क्राइम ब्रांच ने कर्मचारियों ने उसका अपहरण किया और लूट की। याचिका की सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि याचिकाकर्ता ने जिन नामों का उल्लेख किया है उनकी पहचान सुनिश्चित की जाए, जिससे उन्हें अनावेदक बनाया जाये। इसके अलावा 4 से 9 दिसम्बर तक अपराध शाखा एमपी नगर के वीडियो फुटेज पेन ड्राइव में न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किये जाये। एकलपीठ ने पुलिस आयुक्त भोपाल को हलफनामा प्रस्तुत करने आदेश जारी किये।