भोपाल, 13 दिसंबर. राजधानी में वाहन चोरी की घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. टीटी नगर पुलिस ने बताया कि विवेक श्रीवास्तव (42) पत्रकार कालोनी में रहते हैं और एक निजी कालेज में नौकरी करते हैं. पिछले दिनों वह अपनी बाइक घर के सामने खड़ी करके काम से जबलपुर चले गए थे. वापस लौटे तो पता चला कि घर के सामने खड़ी उनकी बाइक चोरी हो चुकी है. इधर बजरिया थानांतर्गत राहुल कैंपस में रहने वाले चिमनलाल बकोरिया डेकोरेशन का काम करते हैं. रात करीब नौ बजे उन्होंने अपनी बाइक घर के बाहर खड़ी की और अंदर चले गए. बाइक की चाबी बाइक में ही लगी थी. अगली सुबह देखा तो उनकी बाइक चोरी हो चुकी थी. इधर ग्राम परेवाखेड़ा पतलोन थाना ईंटखेड़ी निवासी भूरे खां मजदूरी करते हैं. गुरुवार को उन्होंने अपनी बाइक इज्तिमा मार्केट हमीदिया के सामने बीएसएनएस आफिस की बाउंड्री के पास खड़ी की और कंबल खरीदने के लिए मार्केट के अंदर चले गए. करीब पंद्रह मिनट बाद बाहर निकले तो उनकी बाइक चोरी हो चुकी थी. आसपास तलाश करने पर भी जब बाइक नहीं मिली तो भूरे खां ने शाहजहांनाबाद थाने जाकर बाइक चोरी की रिपोर्ट दर्ज करवाई. इसी प्रकार अशोका गार्डन थानांतर्गत परिहार चौराहा के पास सड़क किनारे खड़ी संजय पांडे की बाइक चोरी हो गई. पुलिस ने सभी मामलों में अज्ञात वाहन चोरों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.
00000000
जहरीला पदार्थ खाने से छात्रा की मौत
भोपाल, 13 दिसंबर. मिसरोद इलाके में रहने वाली बीएससी की एक छात्रा ने कोई जहरीला पदार्थ खा लिया. उसे इलाज के लिए निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पीएम कराने के बाद लाश परिजन को सौंप दी, जिसे लेकर व बैतूल के लिए रवाना हो गए. घरवालों के बयान के बाद ही जहर खाने के कारणों का खुलासा हो पाएगा. पुलिस के मुताबिक महिमा कौशिक (21) मुलताई जिला बैतूल की रहने वाली थी. फिलहाल वह इंडस टाउन के पास हरिगंगा नगर मिसरोद में अपनी छोटी बहन के साथ रहती थी और निजी यूनिवर्सिटी से बीएससी की पढ़ाई कर रही थी. बुधवार की रात उसने कोई जहरीला पदार्थ खा लिया था. छोटी बहन ने इसकी जानकारी मकान मालिक को दी तो उन्होंने उसे इलाज के लिए निजी अस्पताल पहुंचाया. इलाज के दौरान गुरुवार सुबह महिमा ने दम तोड़ दिया. पुुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पीएम कराया और लाश परिजन को सौंप दी है. घरवाले शव लेकर मुलताई के लिए रवाना हो गए. मृतका के पास कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. परिजनों के विस्तृत बयान के बाद ही जहर खाने के कारणों का पता चल पाएगा.