भोपाल, सीहोर, 13 दिसंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के आष्टा में आज सुबह कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी का शव मिलने के मामले में अब कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी कारोबारी दंपति का शव मिलने की खबर सामने आते ही आष्टा पहुंचे और दंपति के बच्चों से चर्चा की। इसके बाद उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि ईडी के दबाव में हुई यह ‘सरकारी हत्या’ देश में स्वतंत्र जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का सबसे बड़ा मामला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘नए भारत’ पर लगा यह कलंक मध्यप्रदेश के साथ, पूरा देश देख रहा है।
उन्होंने परमार दंपति के बच्चों के हवाले से आरोप लगाया कि उन पर बार-बार भाजपा में शामिल होने का दबाव बनाया जा रहा था। उनका कसूर सिर्फ यह था कि उन बच्चों ने भारत जोड़ो यात्रा में श्री राहुल गांधी को गुल्लक भेंट की थी। उन्होंने कहा कि भाजपा की नफरत की इस राजनीति ने आज बेकसूर बच्चों को अनाथ कर दिया।
श्री पटवारी ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि कारोबारी दंपति की मृत्यु के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जिम्मेदार है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी आरोप लगाया कि मनोज परमार को इसलिए परेशान किया जा रहा था क्योंकि उसके बच्चों ने भारत जोड़ो यात्रा में श्री गांधी को अपनी बचत से गुल्लक भेंट की थी। इन बच्चों का कांग्रेस पूरा ख़याल रखेगी।
इसी बीच भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि ‘मृत्यु पर राजनीति’ करना कांग्रेसियों का पुराना ‘गिद्ध रूपी चरित्र’ है। आत्महत्या किसी की भी हो दुखद है पर कांग्रेसी सिर्फ अपने निजी हित और स्वार्थ को चमकाने के लिए इसका दुरुपयोग करते हैं।
उन्होंने कहा कि अनर्गल आरोप लगाने से पहले कांग्रेस का नेतृत्व पुरानी केस हिस्ट्री तो जान ले। मनोज परमार पर 7 साल की सजा के साथ कई धाराएं लगी हुई थी। इसके साथ ही उन्होंंने ईडी की एक पुरानी प्रेस विज्ञप्ति भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की है, जिसमें मनोज परमार से जुड़े मामलों का जिक्र है।