सावधान, अब नए पैन कार्ड के नाम पर भी होने लगी ठगीे

ठगों का नया हथियार बना नया पैन कार्ड

इंदौर: सरकार द्वारा पैन कार्ड 2.0 योजना के तहत अब नए पैन कार्ड जारी करने की घोषणा की गई है. जिसे साइबर ठगों ने ठगी का नया जरिया बना लिया है. ठगों द्वारा शहर के कई लोगों को मैसेज भेजे जा रहे हैं, जिनमें वर्तमान पैन कार्ड के ब्लॉक होने और नए कार्ड के लिए लिंक पर क्लिक करने की बात कही जा रही है. हालांकि अभी तक पुलिस के पास इस तरह की ठगी की कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है, लेकिन यह मैसेज बड़ी संख्या में लोगों के पास आ रहे हैं.

साइबर अपराधी अपनी योजनाओं को अंजाम देने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते है. अब तक शहर में बिजली, गैस कनेक्शन काटने और आधार कार्ड बनवाने के नाम पर 50 से अधिक ठगी के मामले सामने आ चुके हैं. वहीं कुछ ऐसे भी मामले प्रकाश में आए हैं जिनमें बैंक खाते ब्लॉक होने के नाम पर सैकड़ों लोगों को ठगा जा चुका हैं. इसके अलावा सरकारी योजनाओं के नाम पर ठगी के भी कई मामले सामने आ चुके हैं. जिसमें ठगों ने लोगों के साथ धोखाधड़ी की हैं. मगर अब ठगों ने पैन कार्ड 2.0 योजना को अपना नया हथियार बनाया है. ठग मैसेज में लोगों को लिंक पर क्लिक करने के लिए कहते हैं, जिससे उनका डिवाइस हैक हो जाता है और बैंक खातों तक पहुंच बनाई जाती हालांकि ऐसे मामलों में अब तक फरियादी पुलिस तक नहीं पहुंचा हैं. मामले में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ठगी के किसी भी मामलों में जागरुकता ही बचाव का उपाय है. पुलिस उपायुक्त अमित सिंह का कहना हैं कि अभी तक इस तरह के किसी भी मामले में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई हैं. फिर भी, नागरिकों को सतर्क रहना और संदिग्ध संदेशों की जानकारी पुलिस को देना चाहिए, यह उनका नागरिक कर्त्वव्य भी है.

इन बातों का रखें ध्यान
बढ़ती साइबर ठगी के मामलों में पुलिस और विशेषज्ञ लगातार लोगों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं, ठगों के जाल में न फंसने के लिए इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जैसे अनजान लिंक पर क्लिक न करें. पैन कार्ड या किसी भी सरकारी दस्तावेज से जुड़े अपडेट के लिए केवल आधिकारिक वेबसाइट पर ही भरोसा करें. किसी भी संदिग्ध मैसेज या कॉल की तुरंत रिपोर्ट करें. साइबर ठगी से संबंधित घटनाओं की जानकारी अपने सोशल ग्रुप्स में साझा कर अन्य लोगों को भी सतर्क करें.

हर राज्य में नेटवर्क
साइबर ठगी के मामलों में ठगों ने हर राज्य में अपना नेटवर्क तैयार कर रखा है. पहले ठगी के लिए असम, पश्चिम बंगाल और झारखंड जैसे राज्यों के खातों का उपयोग होता था, लेकिन अब ठग हर राज्य के खातों का इस्तेमाल कर रहे हैं. क्राईम ब्रांच द्वारा पिछले दिनों उज्जैन की एक ठगी के मामले में इंदौर के खातों का उपयोग किया गया, ऐसे में साफ हो गया है कि साइबर ठगों ने इंदौर में भी अपनी जड़ें फैला ली हैं.

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