मंडला : ट्राईबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन की अपील पर एसोसिएशन सहित आकाश संगठन और आजाक्स संगठन ने संयुक्त रूप से राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर प्रतिनिधि को सौंपा है। ज्ञापन के माध्यम से छतरपुर में प्राचार्य को गोली मारकर हत्या करने और कैलाशपुर में शिक्षकों को बांधकर पिटाई करने जैसे जघन्य अपराध का विरोध और शिक्षकों की सुरक्षा की मांग की है। ज्ञापन में बताया गया कि हायर सेकंडरी स्कूल धमोरा छतरपुर में प्राचार्य एसके सक्सेना की नशा खोरी और गुंडागर्दी में लिप्त कक्षा 12वीं के छात्र ने विद्यालय में ही गोली मारकर हत्या कर दी। जबकि प्राचार्य ने विद्यार्थी के विद्यालय में विलंब से आने और पढ़ाई में रुचि नहीं लेने को लेकर डांटा था।
दूसरी घटना 7 दिसंबर 2024 को रीवा, मऊगंज जिले के शासकीय हाई स्कूल कैलाशपुर में हुई जहां कक्षा 10 वीं के उद्दंड विद्यार्थियों ने मिलकर प्राचार्य और शिक्षकों के साथ बेल्ट और लाठी चलाकर मार पीट की और दूर दराज से आने वाले शिक्षकों को रास्ते में रोक कर मारपीट करने की धमकी दी गई है। जबकि इन विद्यार्थियों की स्कूल सामग्री नष्ट करने और उनके दुरुपयोग करने की शिकायत थी। ज्ञापन के माध्यम से कहा गया कि दोनों एक के बाद एक घटित जघन्य घटनाओं से प्रदेश भर के शिक्षकों में भय, चिंता और आक्रोश व्याप्त है। विद्यालयों में आए दिन विद्यार्थियों में नशाखोरी और उद्दंडता बढ़ती जा रही है कतिपय पालकों के द्वारा भी शिक्षकों के साथ विवाद किए जाते हैं महिला शिक्षिकाएं भी उद्दंड विद्यार्थियों से भयभीत एवं असुरक्षित रहती हैं।
ज्ञापन के दौरान ये रहे मौजूद
गोली मारकर हत्या की गई कर्तव्यनिष्ठ प्राचार्य को शहीद का दर्जा देकर परिवार को एक करोड़ की सहायता राशि दी जाए। ज्ञापन सौंपने वालों में ट्राईबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष डीके सिंगौर, जिला अध्यक्ष दिलीप मरावी आजक्स संगठन से जिला अध्यक्ष गजराज मरावी शिक्षक संघ जिला अध्यक्ष विवेक शुक्ला, आकाश संगठन से कमलेश मरावी, प्राचार्य रामनगर कल्पना नागेश्वर, संजीव सोनी, अभित गुप्ता, अमर सिंह चंदेला, राकेश हरदहा, संजीव दुबे, अशोक आर्सिया, सुनील नामदेव, भजन गवले, मंगल सिंह पंद्रे आदि की उपस्थिति रही।
पालकों की भी जबावदेही तय की जाए
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि वर्तमान प्रवेश नीति और नाम खारिज करने की नीति और विद्यालय में कोई सुरक्षा व्यवस्था न होने के कारण प्राचार्य व शिक्षक ऐसे नशाखोरी और गुंडागर्दी में लिप्त विद्यार्थियों के सामने असहाय महसूस करते हैं। ज्ञापन में मांग की गई कि वर्तमान में विद्यालय की प्रवेश और नाम खारिज करने की नीति की समीक्षा कर ऐसे नियम बनाए जाएं जिससे उद्दंड और विद्यालय का माहौल खराब करने वाले विद्यार्थियों को बढ़ावा न मिले। डॉक्टर की भांति शिक्षकों के लिए टीचर्स प्रोटेक्शन एक्ट लाया जाए। विद्यार्थियों के विद्यालय में नशा करके आने और उद्दंडता पर पालकों की भी जवाब देही तय की जाए।