शहर के दो धमाकों की गूंज देशभर में गूंजी

2024 की विदाई को बचे 21 दिन, ओएफके और स्क्रैप गोदाम में विस्फोट रहेगा याद

हादसों में गई थी चार जानें, एक तो अब भी पुलिस रिकॉर्ड में लापता
 
जबलपुर: 2024 की विदाई को अब 21 दिन ही शेष रह गए है। इस साल वैसे तो अनेक हादसे हुए लेकिन शहर मेेंं दो ऐसे बड़े हादसे हुए जिसे कभी नहीं भूला जा सकता। पहला यादगार ब्लॉस्ट 25 अप्रैल को राजुल सिटी के सामने कटनी रोड खजरी (चाटी) स्थित स्क्रैप गोदाम में हुआ जहां कारखाना ध्वस्त हो गया था। हादसे में दो कर्मियों के चीथड़े उड़ गए थे और उनकी मौत हो गई थी। धमाका इतना शक्तिशाली था कि कर्मियों के शवों के अवशेष मिले थे। जिनकी बाद में डीएनए जांच हुई एक का सैंपल निगेटिव तो दूसरे का पॉजिटिव आया था। पुलिस ने एक की गुमशुदगी दर्ज कर ली थी मतलब एक कर्मचारी अब भी पुलिस रिकॉर्ड में लापता है। दूसरा धमाका 22 अक्टूबर को आयुध निर्माणी खमरिया के सेक्शन एफ-6 के भवन क्रमांक 200 में विस्फोट हुआ, यह हादसा उस वक्त हुआ था जब  पुराने पिचोरा बम को भाप से उबालने का कार्य किया जा रहा था।  हादसे मेें दो कर्मियों की मौत हुई थी। यह ऐसे धमाके थे जिसमें चार जानें गई थी इन धमाकों की चर्चाएं देश-विदेश तक में हुई।
सेना से लेकर खुफिया एजेंंसियां हुई थी सक्रिय
ओएफके और कबाड़ गोदाम में हुए ब्लास्ट के मामलों में सेना से लेकर खूफिया एजेंसियां तक सक्रिय हुई थी। हाईलेवल जांच कमेटियां बनी। लंबी जांच पड़ताल का दौर  चला। इन दोनों ही धमाकों की जांचें अब भी जारी हैं। खूफिया एजेंसियों तो गोपनीय पड़ताल अब भी कर रही हैं।
  पूरी बिल्डिंग हो गई थी ध्वस्त
ओएफके में हुआ हादसा इतना जोरदार रहा कि भवन क्रमांक 200 के  बगल का भवन पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था। हादसे में एलेग्जेडंर टोप्पो,  रणधीर कुमार की मौत हो गई थी। जबकि 16 कर्मी घायल हुए थे। ऐसा ही कबाड़ गोदाम में हुआ था। गोदाम पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था।
18 जुलाई को हुआ था तीसरा धमाका
इन दो धमाकों के अलावा तीसरा धमाका 18 जुलाई को अधारताल, संजय नगर औद्योगिक क्षेत्र में एक स्क्रैप गोदाम में हुआ था, जहां एक श्रमिक राजा उर्फ अभिषेक चौधरी पिता गेंद लाल चौधरी 22 वर्ष की मौत हुई थी। इन धमाके ने शमीम कबाड़े के यहां हुए धमाके की यादें ताजा कर दी थी। मामले में गोदाम संचालक जैन ब्रर्दस को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में भी सेना जांच करने पहुंची थी।
शमीम को ढूंढ पाई पुलिस
25 अप्रैल को हाजी समीम के कबाड में विस्फोट मामले में भोलाराम भूमिया, खलील चच्चा की मौत हो गई थी। पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। शमीम के पुत्र फहीम एवं करीबी सुल्तान को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। हाजी शमीम फरार हो गया था। जिसकी गिरफ्तारी पर ईनाम भी घोषित हुआ लेकिन अब साल की विदाई होने वाली है उसके बावजूद भी पुलिस शमीम को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई हैं।

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