खंडवा। पत्नी के हत्यारे डॉक्टर को आजीवन कारावास एवं अर्थदण्ड से दंडित किया गया। न्यायाधीश खण्डवा अरविंद कुमार टेकाम, की न्यायालय द्वारा आरोपी डॉ. अभिषेक चतुर्वेदी पिता शिवकुमार चतुर्वेदी उम्र 32 वर्ष, निवासी भील मोहल्ला ओंकारेश्वर जिला खण्डवा को धारा 302 भादवि के आरोप में आजीवन कारावास एवं 50,000/- रूपए अर्थदण्ड एवं धारा 201 भादवि के आरोप में एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1,000/-रू. अर्थदण्ड से दंडित किया गया। अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी विनोद कुमार पटेल द्वारा की गई। अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी हरिप्रसाद बांके,एडीपीओ द्वारा बताया गया कि आरोपी डॉ.अभिषेक चतुर्वेदी निवासी ओंकारेश्वर का गरिमा जोशी निवासी बडवानी से वर्ष 2013 में विवाह हुआ था जिसकी पांच साल की बेटी भी थी। डॉ. अभिषेक का उसकी पत्नी गरिमा से आये दिन विवाद होता रहता था डॉ. अभिषेक चतुर्वेदी ने उसकी पत्नी गरिमा को अपने रास्ते से हटाने के लिए उसके क्लिनिक पर काम करने वाले एक नाबालिक लडके के साथ मिलकर योजना बनाई और दिनांक 25 दिसंबर 2020 को योजनाबद्ध तरीके से अपनी पत्नी को इन्दौर कार्यक्रम में ले जाने का बहाना बनाकर नाबालिक लडके के साथ मिलकर रास्ते में उसकी पत्नी गरिमा का गमछे से गला दबा दिया और फिर दोनो ने मिलकर कार को भोगांवा नहर ओंकारेश्वर में धकेल दिया और उसे आकस्मिक घटना बताई। पुलिस के वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. विकास मुजाल्दा जिला सीन ऑफ काइम पुलिस कन्ट्रोल रूम खण्डवा ने मौके पर जाकर जब घटना स्थल का निरीक्षण किया और मृतका गरिमा व कार का भी निरीक्षण किया तब उन्होंने अपनी रिपोर्ट तैयार कि जिसमें बताया कि यह आकस्मिक घटना नहीं है। जिस पर पुलिस मांधाता,उप पुलिस अधीक्षक निलम चौधरी व राकेश पेन्ड्रो को विवेचना सौपी गई विवेचना के दौरान उन्होंने पाया की आरोपी डॉ. अभिषेक चतुर्वेदी ने अपने यहा काम करने वाले नाबालिक लडक़े के साथ योजना बनाकर उसकी पत्नी गरिमा की हत्या की है और इसे एक आकस्मिक घटना रूप देने का प्लान किया है। प्रकरण में डॉ. ने रिपोर्ट में पाया गया कि मृतका की डुबने के पूर्व मृत्यु हुई है और वाहन की मेकेनिकल जाँच मे वाहन को ठीक अवस्था में पाया गया। डॉक्टर अभिषेक व उसके साथी नाबालिक लडके को कोई चोट नहीं आई जो मुख्य रूप से संदेह का कारण भी बना। पुलिस ने अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया।
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