सियासत
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव इसी महीने राजनीतिक नियुक्तियों का पिटारा खोलने वाले हैं. इसकी तैयारीयां की जा रही हैं. शुरुआत रामनिवास रावत से की जाएगी जिन्हें बड़े निगम मंडल का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट का दर्जा दिया जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि विधानसभा सत्र के पहले मुख्यमंत्री ऐसा करना चाहते हैं ताकि विजयपुर उपचुनाव में कांग्रेस को मिली बढ़त को काउंटर किया जा सके. इसी के साथ इंदौर विकास प्राधिकरण का फैसला भी जल्दी ही होने की खबर है. मुख्यमंत्री चाहते हैं कि इंदौर के विकास कार्यों को गति मिले इसलिए प्राधिकरण की कुर्सी को अधिक समय तक रिक्त रखना ठीक नहीं है.
सूत्रों का कहना है कि इस कुर्सी के लिए गौरव रणदिवे, सुदर्शन गुप्ता और जयपाल सिंह चावड़ा लगे हुए हैं. जयपाल सिंह चावड़ा तत्कालीन संगठन महामंत्री सुहास भगत के कारण इंदौर विकास प्राधिकरण की कमान संभाल चुके हैं, लेकिन वो अब फिर से नए सिरे से कोशिश कर रहे हैं. उनके अलावा भी अनेक दावेदार सामने आए हैं. इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष का फैसला मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव करेंगे. इसी के साथ निगम मंडलों की नियुक्तियों का भी सिलसिला इसी महीने या जनवरी के प्रारंभ में शुरू हो सकता है. दरअसल, विजयपुर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी और वन मंत्री रामनिवास रावत को कांग्रेस के मुकेश मल्होत्रा के हाथों हार का सामना करना पड़ा.
इसके बाद रावत ने वन मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, हालांकि, अब तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है. सरकार के सूत्रों के अनुसार सरकार रावत को कैबिनेट दर्जा कायम रखने की तैयारी कर रही है. इसके लिए उनको किसी निगम या मंडल में अध्यक्ष पद से नवाजा जाएगा. रावत ने हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव समेत अन्य भाजपा के दिग्गज नेताओं से मुलाकात की थी, जिसके बाद इस संभावना को और बल मिला है. रामनिवास रावत ने अपनी हार के लिए भाजपा के स्थानीय नेताओं पर भीतरघात का आरोप लगाया था। हालांकि, भाजपा शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात के बाद रावत के सुर बदल गए थे. उन्होंने चुनाव में सभी भाजपा कार्यकर्ताओं का सहयोग मिलने की बात कही थी. इसके बाद ही उनको निगम मंडल में एडजस्ट करने की चर्चा तेज हो गई थी