भू-माफिया के षडय़ंत्रकारी चंगुल से किसान को मिली राहत

डेढ़ करोड़ की भूमि में हेरफेर कर फर्जी तरीके से दर्ज कराये गये प्रकरण में मिली जमानत

जबलपुर। जमीन की हेरफेर कर एक किसान को अपने षडय़ंत्र में उलझाकर उसके खिलाफ पनागर थाने में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कराने वाले मामले को अदालत ने बेनकाब कर दिया। अपर सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार सिंह की अदालत के समक्ष किसान की ओर से समस्त दस्तावेजों के साथ अपना पक्ष रखा गया। जिस पर न्यायालय ने पूरा मामला झूठा पाते हुए कहा कि मामला सिविल प्रकृति का था, उसके बाद भी पीडि़त के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया है। अदालत ने पीड़ित किसान को तत्काल जमानत पर रिहा करने के आदेश दिये है।

अदालत के समक्ष यह मामला किसान संत कुमार पटेल की ओर से दायर किया गया था। जिनकी ओर से अधिवक्ता निधीश पांडे, संजय शर्मा व दिव्यांश सैनी ने पक्ष रखा। जिन्होंने बताया कि पनागर के ग्राम मनियारीकला स्थित अलग-अलग खसरा नंबर की 1.06 हैक्टेयर भूमि का सौदा एक करोड़ 37 लाख 60 हजार रुपये में वर्ष 2019 में किया गया था। जिसके एवज में भू-माफिया प्रतीक शुक्ला ने एक करोड़ का चैक पीडि़त किसान संत राम को दिया था और शेष राशि नगद व आरटीजीएस से प्रदान कर मुख्तयारनाम प्रतीक शुक्ला ने अपने पक्ष में लिखवाया था। अदालत को पीडि़त के अधिवक्ता निधीश पांडे ने बताया कि प्रतीक शुक्ला ने जो एक करोड़ का चैक संतराम को दिया था, वह खाता एक साल पहले से ही बंद हो चुका था।

किसान की शिकायत पर किया था राजीनामा-

अदालत को बताया कि राशि प्राप्त न होने व चैक बाउंस होने पर पीडि़त किसान ने प्रतीक शुक्ला के खिलाफ पनागर थाने में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कराया था। जिस पर प्रतीक शुक्ला के पिता ने माफी मांगते हुए राजीनामा किया, जिसके बाद आरोपी प्रतीक को राहत मिली थी। जिसके बाद पीडि़त किसान ने देवेन्द्र पटेल से अपनी पत्नी सीताबाई के नाम से 6850 वर्ग फिट रकबा विक्रय पत्र के आधार पर क्रय किया। जिसके बाद प्रतीक शुक्ला के पिता एक शिकायत कर दी कि संतकुमार, सियाबाई व देवेन्द्र पटेल ने उनके साथ धोखाधड़ी करते हुए देवेन्द्र पटेल को 44 लाख का भुगतान नहीं किया। उक्त मामले में पुलिस ने 420 सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण पीडि़त पक्ष पर दर्ज कर लिया।

पुराना आपराधिक रिकार्ड, किसान को फंसाया-

आवेदक किसान संत कुमार की ओर से अधिवक्ता निधीश पांडे, संजय शर्मा व दिव्यांश सैनी ने अदालत के समक्ष समस्त दस्तावेज पेश करते हुए दलील दी कि प्रतीक शुक्ला भू-माफिया है। जिसके खिलाफ जमीन संबंधी कई अपराध दर्ज है। इतना ही नहीं श्री पांडे ने दलील दी कि उक्त मामला सिविल प्रकृति का है, उसके बावजूद मिलीभगत कर अपराधिक प्रकरण पनागर थाने में पीडि़त के खिलाफ दर्ज कराकर उसे जबरन परेशान किया जा रहा है। पूरे मामले का अवलोकन करने के बाद अदालत ने धारा 420, 467, 468, 471, 120बी, 294, 506, 182 एवं 211 भारतीय दंड संहिता के अपराध में नियमित जमानत पर रिहा किये जाने के आदेश पारित किया।

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