राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष को नहीं दिया जा रहा ऑफिस में आने

हाईकोर्ट में अवमानना आवेदन दायर

जबलपुर। हाईकोर्ट ने दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य व जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष व सदस्य फिलहाल अपने पदों पर बने रहेंगे के आदेश जारी किये थे। हाईकोर्ट का स्पष्ट आदेश होने के बावजूद भी राज्य सरकार के द्वारा राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष से सरकारी आवास पर घर खाली करने का नोटिस चस्पा करना, सरकारी गाडी, ड्रायवर सहित अन्य कर्मचारी को वापस बुलाने तथा कार्यालय में अंदर नहीं जाने दिये जाने के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गयी थी। हाईकोर्ट ने अवमानना आवेदन पर सोमवार को सुनवाई निर्धारित की है।

याचिकाकर्ता रोहित दुबे की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट में आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति के संबंध में याचिका विचाराधीन है। इसी बीच प्रदेश के फोरम और जिलो में गठित आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है या फिर होने वाला है। आयोग का कोरम पूरा नहीं होने से उपभोक्ताओं को बड़ी परेशानी हो जाती। उनके मामलों की सुनवाई प्रभावित होती।

याचिकाकर्ता की तरफ तर्क दिया गया था कि बिहार, केरल, उत्तर प्रदेश में भी राज्य व जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों का कार्यकाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिका को देखते हुए अंतरिम रूप से बढ़ा दिया गया है। जिला आयोग में हजारों की संख्या में मामले लंबित हैं। आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया तो सरकार चाहकर भी नई नियुक्ति नहीं कर पाएगी। ऐसे में नए प्रकरण दायर होते चले जाएंगे और पुराने प्रकरणों की सुनवाई भी नहीं हो पाएगी।

याचिका की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता सिद्धार्थ शर्मा ने अवमानना याचिका दायर करते हुए उक्त जानकारी युगलपीठ के समक्ष रखी। उन्होने बताया कि राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष अशोक कुमार तिवारी ने व्यक्तिगत रूप से सरकार की मनमानी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए उनके खिलाफ किसी प्रकार की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। युगलपीठ ने दोनों याचिका की सुनवाई संयुक्त रूप से करने के आदेश जारी किये है। युगलपीठ ने अवमानना आवेदन पर सोमवार को सुनवाई निर्धारित की है।

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